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वैज्ञानिक सलाहकार समिति की तेरहवीं बैठक में कृषि के विकास की रुपरेखा पर हुई चर्चा

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड मुख्यालय में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र,सीवान में शुक्रवार को वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हुई।बैठक की अध्यक्षता डॉ.राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. पी एस पांडेय ने ऑनलाइन की।बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ.जितेंद्र प्रसाद ने बीते तीन वर्षों में किए गए कार्यों का प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए केंद्र के उपलब्धियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया।

जिसमे बीते एक वर्ष में रवी,खरीफ, दलहन, तेलहन, राई ,आलू,मसूर , गन्ना प्रत्यक्षण को प्रदर्शित किया।इसके साथ ही सूक्ष्म सिंचाई जागरूकता अभियान,किसान पाठशाला,कृषिक वैज्ञानिक संवाद जागरूकता अभियान की जानकारी दी।उन्होंने प्रक्षेत्र पर उत्पादित फूलगोभी,टमाटर,बैगन,मिर्च अमरूद पपीता आदी के बीज बिक्री का जानकारी दी।

उन्होंने कृषक गोष्ठी, प्रक्षेत्र दिवस, कार्यशाला, मोबाइल द्वारा किसानों को दिए सलाह, स्वच्छता अभियान, जल-जीवन-हरियाली आदि को लेकर चलाए गए अभियान व किये गये कार्यों का प्रतिवेदन को एक एक करके पटल पर रखा। उन्होंने किए गए कार्यों से हुई उपलब्धियों की जानकारी दी।

आगामी वित्तीय वर्ष के लिए केवीके के कार्य योजना पर प्रकाश डालते हुई रिक्ति के अनुसार कर्मी व्यवस्था करने, चलंत मिट्टी जांच वाहन के संचालन की व्यवस्था करने की मांग की।इसके अलावे कई अन्य आवश्यक मांगें रखीं। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उन्नत प्रदर्शन के लिए सुझाव व प्रस्ताव मांगा। केवीके के अध्यक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए

डॉ.अनिल कुमार सिंह,निदेशक शोध डॉ.आरपी ने कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने पर जोड़ देते हुए कहा कि कृषि में किसान को नई नई प्रभेद से अवगत कराना होगा तभी उनका भला होगा।बैठक में शामिल विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने मिलेट के उत्पाद बनाने,मशरूम के उत्पाद बनाने,क्षेत्र में केला की खेती,मखाना उत्पादन के संभावन की तलाश करने,औषधीय पौधा मेंथा तथा जापानी पुदीना के खेरी,मछली पालन के साथ मोती उत्पादन, सजावटी मछली के उत्पादन ,क्षारीय भूमि पर आंवला की खेती,शाही लीची की बागवानी पर जोड़ दिया।

इसके साथ ही साथ मोटे अनाज के प्रोसेसिंग के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था,बीज उत्पादन को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।इसके अलावे लेशन प्लान के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया गया।कुलपति डॉ.पांडेय ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को नई नई तकनीक से किसानों को अवगत कराने के साथ ही साथ शोध बीज को बढ़ावा देना है ताकि किसान इसका लाभ उठा सके।

बैठक में डॉ.मयंक राय निदेशक एक्सटेंशन शिक्षा, डॉ.यू के बेहरा,निदेशक शिक्षा,डॉ. डीवी सिंह अटारी पटना, डॉ. एस सी राय,डीन ढोली, डॉ. एस वी वर्मा,जिला कृषि पदाधिकारी आलेख कुमार, डीएफओ अर्पणा सिंह,कृष्ण बहादुर छेत्री,डॉ.कन्हैया लाल रैगर,सरिता कुमारी,किसान शिव प्रसाद सहनी,धर्मपाल सिंह,नितेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।