चमकी बुखार पर काबू को गांव-टोले में चलेगा जागरूकता अभियान
सिवान:जिले में बढ़ते तापमान और उमस के बीच चमकी बुखार यानी एईएस और जेई पर नियंत्रण को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। शनिवार देर शाम जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई। इसमें सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करने और गांव-टोले स्तर पर सघन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि संध्या चौपाल के माध्यम से लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए। इसमें आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, विकास मित्र और जीविका दीदियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। आईसीडीएस के डीपीओ को निर्देश दिया गया कि महिला पर्यवेक्षिकाओं और सेविकाओं के माध्यम से पोषक क्षेत्रों में गृह भ्रमण कर अति कुपोषित बच्चों की पहचान की जाए। चिन्हित बच्चों को सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाए।

सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि अब तक की गई तैयारियों की जानकारी जिलाधिकारी को पीपीटी के माध्यम से दी गई। इसमें दवाएं, उपकरण, एम्बुलेंस, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता शामिल रही। उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह 11 बजे फेसबुक लाइव के माध्यम से जिलेवासियों को जागरूक किया गया। इस दौरान एनआईसी के हिमांशु कुमार और सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रदत्त वाहनों के चालकों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए। ये वाहन ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल लाने में मदद करेंगे। जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की गई है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश लाल ने बताया कि 2023 में दरौली और पचरुखी, जबकि 2024 में भगवानपुर हाट प्रखंड में जेई के मरीजों का इलाज हुआ था। 2025 में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है।
एईएस और जेई से निपटने के लिए जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, सीएचओ और एम्बुलेंस 102 के ईएमटी को प्रशिक्षित किया जा चुका है। सदर अस्पताल में 10, महाराजगंज एसडीएच में 5 और रेफरल अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में 2-2 वातानुकूलित एईएस बेड तैयार किए गए हैं। आवश्यक दवाएं और उपकरण भी उपलब्ध करा दिए गए हैं।