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पंचायत भवनों का काम धीमा, डीएम ने जताई नाराजगी

बक्सर:जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को समाहरणालय सभाकक्ष में पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई। पंचायत सरकार भवन निर्माण की समीक्षा में पाया गया कि भवन प्रमंडल बक्सर द्वारा 17 और कार्य प्रमंडल बक्सर द्वारा 2 पंचायत भवनों का निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी संबंधितों से समन्वय कर एक सप्ताह में सभी भवनों का निर्माण कार्य शुरू कराएं।

निर्माणाधीन 13 पंचायत भवनों को जल्द पूरा करने के लिए संबंधित मुखिया के साथ समीक्षा कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। 18 पूर्ण पंचायत भवनों को क्रियाशील करने और वहां कार्यरत कर्मियों का वेतन बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर देने का आदेश दिया गया। जिन कर्मियों को एक से अधिक पंचायत आवंटित हैं, उनके लिए रोस्टर बनाकर पंचायत भवनों पर प्रदर्शित करने को कहा गया ताकि आम लोगों को सुविधा हो।

डीएम ने निर्देश दिया कि अपर समाहर्ता के माध्यम से पंचायत भवनों की भूमि की जांच कराई जाए। पंचायत स्तर पर सोलर लाइट लगाने की समीक्षा में चौसा, चौगाई और सिमरी प्रखंडों में भुगतान की स्थिति खराब पाई गई। डीएम ने निर्देश दिया कि कैंप लगाकर मिशन मोड में भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

15वीं और 6वीं वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान की समीक्षा में खर्च की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। 15वीं वित्त आयोग की राशि का सबसे कम खर्च बक्सर, राजपुर और डुमरांव प्रखंडों ने किया। 6वीं वित्त आयोग की राशि का सबसे कम उपयोग बक्सर, नावानगर और चक्की प्रखंडों ने किया। इस पर डीएम ने खेद जताया और सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि मुखिया से समन्वय कर राशि का नियमानुसार खर्च सुनिश्चित करें।

नल-जल योजना में अनुरक्षकों के मानदेय और बिजली बिल भुगतान की समीक्षा में पाया गया कि इटाढ़ी, ब्रह्मपुर और केसठ प्रखंडों ने मानदेय का न्यूनतम भुगतान किया। चौसा, ब्रह्मपुर और केसठ ने बिजली बिल का कोई भुगतान नहीं किया। इस पर भी डीएम ने नाराजगी जताई और सभी प्रखंडों को जल्द भुगतान का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा में चौसा, नावानगर और केसठ की प्रगति सबसे कम पाई गई। सभी बीडीओ को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह में शत-प्रतिशत स्वीकृति की कार्रवाई पूरी करें। साथ ही सभी योग्य अनुसूचित जाति और जनजाति लाभुकों को प्राथमिकता दें।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना की समीक्षा में चक्की, चौगाई और केसठ की प्रगति शून्य पाई गई। कबीर अंत्येष्टि योजना में बक्सर, राजपुर और चक्की की प्रगति लक्ष्य से काफी कम रही। इस पर भी डीएम ने खेद जताया और सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि दोनों योजनाओं में एक पखवाड़े में लक्ष्य के अनुसार प्रगति सुनिश्चित करें।