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बिहार में भैया दूज और छठ पर्व की धूम,भैया दूज: भाई-बहन के प्यार का प्रतीक

गौरी किरण ब्यूरो :बिहार में भैया दूज और छठ महापर्व की धूम मची हुई है। महिलाएं श्रद्धा और भक्ति के साथ इन पर्वों को मना रही हैं। गुरुवार को भैया दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना कर रही हैं, जबकि छठ पर्व पर सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जा रही है।भैया दूज भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी रक्षा का वचन देती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

बिहार में भैया दूज का पर्व पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। बहनें सुबह भाइयों को श्राप देती हैं, फिर गोवर्धन की पूजा करती हैं और जीभ में कांटे चुभाकर भाइयों के सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व है। इस पर्व पर व्रती महिलाएं सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य शामिल हैं।महिलाओं की श्रद्धा और भक्ति ने इन पर्वों को और भी विशेष बना दिया है। भैया दूज और छठ पर्व बिहार की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

इन पर्वों को मनाने से भाई-बहन के प्यार और सूर्य देव की उपासना का महत्व समझ में आता है।आज वर्षों बाद मुझे अपने पैतृक गांव और आसपास के शहरों में घूमने का अवसर मिला है। लोग अपने घर के अंदर-बाहर, आस-पास की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई करवा रहे हैं। शाम को दीपों से पूरा गांव-शहर जगमग दिखता है। हर तरफ उजाला ही उजाला है। महिलाओं में सूर्य देव के प्रति अटूट श्रद्धा है। प्रकृति में विश्वास है। आज हर गली-मोहल्ले में महिलाएं एकत्रित होकर अपने भाइयों के दीर्घायु होने की प्रार्थना कर रही हैं। आपस में मेल-जोल है। सभी मतभेदों को भुलाकर एक-दूसरे को अमर सुहाग की कामना कर रही हैं। दूर-दराज से घर-परिवार के लोग एक साथ पर्व में मिलते हैं। वास्तव में यह पर्व आपसी एकता, भाईचारा और प्रकृति के संरक्षण-संवर्धन का संदेश देता है।

डॉ. नन्दकिशोर साह,पूर्वी चंपारण, बिहार

मोबाइल- 9934797610

Email – nandkishorsah59@gmail.com

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