मत्स्य किसान दिवस पर किसानों के बीच उन्नत प्रजाति के झींगा मछली का प्रॉन वितरित
भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड मुख्यालय अवस्थित कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर हाट,सीवान के परिसर में गुरुवार को मत्स्य किसान दिवस पर मीठे या फ्रेस पानी में उत्पादन हेतु उन्नत प्रजाति के झींगा का प्रॉन वितरित किया गया।कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ.जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि निक्रा प्रोजेक्ट के तहत प्रखंड के चयनित तीन गांव मीरजुमला,शंकरपुर और महमदपुर के 15 मत्स्य उत्पादक किसान को दिया गया।उन्होंने बताया कि किसान परम्परागत खेती करता है ,यह उससे से कुछ हट कर करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके लिए केंद्र सरकार की निक्रा प्रोजेक्ट तहत कार्य किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि उन्नत प्रजाति के झींगा के उत्पादन होने की किसानों के आमदनी बढ़ेगी और स्थानीय बाजार को नई मछली उपलब्ध होगी।वही मत्स्य वैज्ञानिक डॉ.पवन कुमार शर्मा ने बताया कि देशी मछलियों के उत्पादन के साथ उन्नत प्रजाति के झींगा का किसान उत्पादन करते है तो उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा इन्हें देशी कार्प मछलियों के साथ ही साथ उत्पादन कर सकते है।इसके लिए अलग कुछ करने की आवश्यकता नहीं है।अब जिले में मछली के क्षेत्र में एक और प्रजाति का स्वाद आपके थाली मिलेगी।इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के मत्स्य वैज्ञानिक प्रयास करना शुरू कर दिए है।इस मौके प्रगतिशील किसान शिवप्रसाद सहनी ने बताया कि उन्नत प्रजाति का झींगा अपने इलाके में उत्पादन होती है तो जिले के किसानों को एक अलग पहचान बनेगा।इस मौके पर कृषि अभियंता कृष्ण बहादुर छेत्री,डॉ.कन्हैया लाल रैगर,सरिता कुमारी,किसान हिरा सहनी, नंद कुमार,राजेश साह,बिरेंद्र साह,चंद्रमा सहनी,हेमनारायण यादव सहित अन्य किसान उपस्थित रहे।

कृषि विज्ञान केंद्र से किसान धान का बिचड़ा लेकर अपने खेतों में लगाए
कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर हाट, सीवान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ.जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से कल तक केवल किसानों को बीज उपलब्ध कराई जाती थी।लेकिन अब किसानों को खरीफ फसल में धान का तैयार बिचड़ा उपलब्ध कराई जा रही है।जिन किसानों को धान का बिचड़ा चाहिए वे केंद्र में पहुंच कर ले सकते है।जिसमे सबौर समृद्धि प्रभेद के धान का बिचड़ा उपलब्ध है।यह धान 130 से 140 दिनों में तैयार होती है।इसके लिए निचला तथा मध्य भूमि उपयुक्त है।
प्रयोग के तौर पर बरसाती प्याज की होगी क्षेत्र में खेती
कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर हाट, सीवान क्षेत्र के किसानों को समृद्ध और खुशहाल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।इस प्रयास के तहत केंद्र सरकार की निक्रा प्रोजेक्ट के तहत प्रयोग के तौर पर खरीद सीजन में बरसाती प्याज की खेती की जाएगी।इसके लिए एनएचआरडीएफ के तरफ से बीज उपलब्ध करा दिया गया है।जिसको प्रयोग के तौर निक्रा प्रोजेक्ट के तहत चयनित गांव के किसानों के खेत में लगाया जाएगा।