• अतिकुपोषित पाए जाने पर भेजा जा रहा है पोषण पुनर्वास केंद्र
• विशेषज्ञों द्वारा इलाज कर बनाया जाता है सुपोषित
• पुनर्वास केंद्र में बच्चे व परिजन को सही पोषण देने के साथ ही मिलता है दैनिक भत्ता
पूर्णियाँ(बिहार)देश में कुपोषण की स्थिति को दूर करने के लिए सरकार के द्वारा बहुत से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. बच्चों को सही समय पर उचित आहार दिया जाए, इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बच्चों में कुपोषण की दर कम करने के उद्देश्य से गांव के गलियों से लेकर शहर के विभिन्न मुहल्लों तक आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर भ्रमण किया जाता हैं और अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी जाती हैं. प्राप्त सूचना के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा बच्चों को सही समय पर जिला सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पहुँचाया जाता है, जहां कुपोषित बच्चों का उपचार कर सुपोषित किया जाता है.
आंगनवाड़ी सेविका व एएनएम द्वारा रखा जाता है खयाल :
जिला में आंगनवाड़ी सेविका व एएनएम द्वारा अपने क्षेत्र के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाया जाता है. उस दौरान सभी बच्चों का वजन व लम्बाई भी देखी जाती है. उम्र के साथ बच्चे के वजन और लम्बाई न बढ़ने पर उन्हें कुपोषित बच्चों की श्रेणी में रखा जाता है. क्षेत्र में कुपोषित बच्चों के पाए जाने पर उसे जिला में पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाता है. वर्तमान में ही जिले के केनगर प्रखंड अंतर्गत बनभाग चूनापुर पंचायत के बंगाली टोला निवासी विजय चौधरी को अपनी मात्र 10 महीने की बेटी के कुपोषित होने की जानकारी स्थानीय आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या-180 की सेविका कंचन देवी और एएनएम लवली कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से मिली थी. सेविका कंचन कुमारी ने बताया नवजात शिशुओं का वजन व लंबाई मापने के समय ही बच्चों में कुपोषण के लक्षण दिखाई देने लगता है. विजय चौधरी की पुत्री में भी शुरुआत में कुपोषित होने के लक्षण नजर आ रहे थे. शुरुआत में उनलोगों के द्वारा कुपोषित बच्चें के परिजनों को परामर्श देते हुए उन्हें अपने नवजात शिशु को घर पर ही उपलब्ध सामग्रियों से बना हुआ पौस्टिक आहार खिलाने की जानकारी दी गई. कुछ दिन बाद भी शिशु में कोई परिवर्तन नहीं पाए जाने पर अब इसे सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भेजा जाएगा, जहां विशेषज्ञों द्वारा बच्चे की जांच करके उन्हें 21 दिन या उससे ज्यादा समय तक वहीं रखकर उसे सही पोषण देकर सुपोषित किया जाएगा.
आंगनवाड़ी सेविकाऐं व एएनएम से मिलती है सही जानकारी :
राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूषा समस्तीपुर द्वारा पूर्णियाँ में कार्यरत सी-मैम सलाहकार मेघा सिंह ने बताया कुपोषित बच्चों की सही जानकारी के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा गांव के मुहल्ले में चल रहीं आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं व एएनएम की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं. इनके द्वारा ही अपने क्षेत्र के बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है. इसलिए सबसे पहले इन्हें ही अपने क्षेत्र के कुपोषित या अतिकुपोषित बच्चें की पहचान होती है. इसकी सूचना हमें आंगनवाड़ी सेविकाओं से उपलब्ध होने पर उनके द्वारा बच्चों और माता की काउंसेलिंग की जाती है और सही समय पर बच्चों को दी जाने वाली पोष्टिक आहार सम्बंधित जानकारी दी जाती है. बच्चे के अतिकुपोषित पाए जाने पर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र पहुँचाया जाता है जहाँ विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को सुपोषित किया जाता है.
क्या है पोषण पुनर्वास केंद्र :
सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) की इंचार्ज जीएनएम गुलशन ने बताया कि एनआरसी में अतिकुपोषित बच्चे को 21 दिनों के लिए रखा जाता है. डाक्टर की सलाह के मुताबिक ही डाइट दी जाती है. अगर यहां रखा गया कोई बच्चा 21 दिन में कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाता है तो वैसे बच्चों को एक माह तक भी यहां रखा जाता है. बच्चों की देखभाल के लिए यहां स्टाफनर्स, केयरटेकर व कुक भी उपलब्ध रहते हैं. उन्होंने बताया यहां पर जीरो से 5 साल तक के बच्चों का 15 फीसद वजन बढ़ने तक इलाज किया जाता है. बच्चे के साथ एनआरसी में रह रहे परिजनों को दैनिक भत्ते भी दिए जाते हैं. साथ ही दोनों टाइम का खाना भी मिलता है. इलाज के बाद पुनः फालोअप के लिए भी बुलाया जाता है.
पोषण पुनर्वास केंद्र पर दी जाने वाली सेवाएं :
• रेफर किए गए बच्चों की पुन:जांच कर (सैम) अति-कुपोषित की पहचान करना
• वार्ड में भर्ती बच्चों को एण्टीबायोटिक्स (आइवी व ओरल) से इलाज करना
• भर्ती किए गए कुपोषित बच्चों की 24 घंटे उचित देखभाल करना
• सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमियों में सुधार हेतु पूरक खुराक देना
• भर्ती कुपोषित बच्चों व उनके माताओं को निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन देना तथा इसके लिये अभिभावक से कोई शुल्क नहीं लेना
• माँ एवं देखभाल करने वाले को उचित खान-पान, साफ-सफाई के विषय पर परामर्श देना
• पोषण पुनर्वास केंद्र में डिस्चार्ज के बाद हर 15 दिन में 2 माह तक 4 बार फॉलोअप करना
बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…
2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…
भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…
सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…
On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…
20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…
Leave a Comment