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असुरक्षित यौन संबंध से बचें, एचआइवी संक्रमण का बनता है कारण

• 1 दिसंबर को मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस
• ‘हम साथी’ एप्प की मदद से लें एचआइवी संक्रमण की जानकारी
• यूएनएड्स की रिपोर्ट में विश्व एचआइवी संक्रमण रोकने में पिछड़ा

कटिहार(बिहार)कोरोना संक्रमण काल में कई दूसरे ऐसे भी गंभीर रोग हैं जिसका ईलाज संभव नहीं है. एचआईवी-एड्स भी उन्हीं रोगों में शामिल है जो संक्रामक होने के साथ जान-लेवा भी है. बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. राज्य में एड्स संक्रमण की रोकथाम के लिए बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा नियमित इस संक्रमण की जानकारी युवाओं सहित जनसमुदाय को दी जा रही है. इस वर्ष एड्स दिवस का थीम ‘वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी’ है.

1097 हेल्पलाइन व ‘हम साथी’ एप्प से लें जानकारी:
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआइवी एड्स हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. हेल्पलाइन नंबर 1097 से एड्स संक्रमण होने के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी ली जा सकती है. इसके साथ ही यदि एड्स की जांच या एड्स संबंधी इलाज सुविधा की भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही ‘हम साथी’ मोबाइल एप्प डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यह मोबाइल एप्प एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां मुहैया कराता है.

वर्ष 2030 तक एचआइवी दूर करने के लक्ष्य से काफी पीछे:
विश्व में एचआइवी एड्स संक्रमण के मामलों पर नजर रखने व इसके प्रसार की रोकथाम की दिशा में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों की अगुवाई कर रही एजेंसी यूएनएड्स ने बताया है कि कोविड 19 महामारी के कारण एचआइवी की रोकथाम की दिशा में हो रहे प्रयासों पर लगाम लग गया है. रिपोर्ट ने कहा है कि विश्व में 3.8 करोड़ लोग एचआइवी से संक्रमित हैं और इनमें से 1.2 करोड़ लोग इस गंभीर रोग के इलाज के इंतजार में हैं. यूएनएड्स की रिपोर्ट ‘प्रीवेलिंग अंगेंस्ट द पैनडेमिक बाइ पुटिंग पीपुल एैट द सेंटर’ के हवाले से यह जानकारी दी गयी है कि विश्व वर्ष 2030 तक एड्स से मुक्त करने की दिशा में तय किये गये लक्ष्य से काफी पीछे है.

एचआइवी प्रभावितों के प्रति भेदभाव सही नहीं:
एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावितों के प्रति भेदभाव को दूर कर ही होगा. सामाजिक अन्याय, असमानता, नागरिक अधिकारों का हनन व कलंक की मानसिकता के कारण पनपने वाले भेदभाव संक्रमण की रोकथाम के प्रयासों में बाधक बनते हैं. ऐसे में उनके प्रति सहानभूति आवश्यक है ताकि संक्रमण के खिलाफ तय किये गये लक्ष्यों को हासिल किया जा सके.

एचआवी संक्रमण की जानकारी रखेगा सुरक्षित:
युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआइवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है. असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सिरिंज या सूई का प्रयोग एवं संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण होता है. वहीं एचआइवी संक्रमित माता से उसकी संतान को भी एचआइवी संक्रमण होता है. ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह समाप्त कर देता है. जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है. एड्स से बचाव के लिए जीवनसाथी के अलावा किसी से यौन संबंध नहीं बनायें. यौन संपर्क के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें. नशीली दवाईयों के लिए सूई के इस्तेमाल से दूर रहें. एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण से पहले चिकित्सीय सलाह लें. बिना जांच के या अनजान व्यक्ति से रक्त न लें. वहीं डिस्पोजेबल सिरिंज व सूई उपयोग में लायें. दूसरों का प्रयोग में लाये गये ब्लेड आदि को इस्तेमाल में नहीं लायें.

इन लक्षणों से करें एड्स की पहचान :
• गले या बगल में सूजन या गिल्टी
• लगातार बुखार व खांसी रहना
• वजन का तेजी से घटना
• मुंह में घाव निकल आना
• त्वचा पर खुजली वाले चकते उभरना
• सिरदर्द व थकान रहना
• भूख नहीं लगना

एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को जानना है जरूरी:
एचआइवी एड्स संक्रमण से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं जिसे मन से दूर करना चाहिए. एड्स संक्रमण हाथ या गला मिलाने, प्रभावित के साथ खाने पीने, एक कमरे में रहने व एक ही शौचालय के प्रयोग में लेने आदि से नहीं होता है. वहीं मच्छरों व जानवरों के काटने, बर्तनों की साझेदारी व खांसने तथा छींकने आदि से संक्रमण नहीं फैलता.