Homeदेशबिहारस्वास्थ्य

अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर परामर्श शिविर का हुआ आयोजन

• मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी : सिविल सर्जन
• मानसिक तनाव से बचने सम्बन्धी दी गई जानकारी
• कोरोना से बचाव सम्बन्धी भी मिली जानकारी

पूर्णियाँ(बिहार)अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिले के सदर अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य जांच व परामर्श शिविर का आयोजन सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता एवं चिकित्सकीय परामर्श शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया व अस्पताल में आने वाले मरीजों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी दी गई तथा उनकी काउंसलिंग भी की गई। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि तनाव से लोगों को अत्यधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं का सामान करना पड़ता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नहीं अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिए स्वास्थ्य संस्थानों पर बैनर-पोस्टर, हैंडबील, पम्पलेट लगाया गया है, जिससे लोगों को इसके प्रति जानकारी उपलब्ध हो सके।ज्ञात हो कि तनावग्रस्त जीवनशैली एवं बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में ”अंतर्राष्ट्रीय मानसि‍क स्वास्थ्य दिवस” के रूप में मनाया जाता है। आयोजित शिविर में सिविल सर्जन के साथ ही जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. भी. पी. अग्रवाल, मनोचिकित्सक डॉ. आर.के. भारती, डॉ. पल्लव कुमार आदि उपस्थित रहे।

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी :

सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित जीवनशैली के कारण थकान होना आम बात है। शरीर की थकान जब शारीरिक बीमारी का कारण बनती है, तो हम दवाओं या अन्य उपायों के जरिए ठीक हो जाते हैं। वहीं, मानसिक थकान हमें मानसिक तौर पर बीमार कर सकती है। मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। कई बार पढ़ाई या काम के बोझ, रिश्ते में दरार, करियर को लेकर हमारी चिंता हमें तनाव देती है और यह लंबे समय तक रहा तो डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी है।

24×7 घंटे उपलब्ध है नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा:

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. भी. पी. अग्रवाल ने बताया वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर- 104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते है। इसके अलावां नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर परामर्श की सुविधा उपलब्ध है। इस दिशा में निमहांस संस्था द्वारा भी टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. लोग टॉल फ्री नंबर 080-46110007 पर कॉल करके भी मानसिक तनाव के विषयों पर बातचीत कर लोग समाधान पा सकते हैं.

निन्म लक्षण दिखें तो लें मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह :

• स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई
• बार-बार एवं गलत, नकारात्मक विचारों को आना
• आदत, मन एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन का होना
• वैसी चीजों को देखना और सुनना जो आस-पास मौजूद नहीं हो
• आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना
• क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोल, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति
• बिना चिकित्सीय सलाह के औषधियों का अत्यधिक सेवन

राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिए गए हैं जरूरी निर्देश:

प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने व इसके प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इसके मद्देनजर सभी जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाना है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिले के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर विभिन्न क्रियाकलापों के द्वारा जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता, चिकित्सकीय परामर्श शिविर कार्यक्रम का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं. पत्र के माध्यम से भेजे गये निर्देश में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता, परामर्श एवं चिकित्सकीय शिविरों के आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है.

बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान रखें :

बेहतर मानसिक स्वाथ्य के लिए अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखें. मानसिक तनाव से बचते हुए लोगों की भावनाओं को स्वीकार करें और अपने मनोवेग को भी जरूर साझा करें. कोरोना से संबंधित अटकलों व अफवाहों से बचें. विश्वसनीय माध्यमों से कोरोना के संबंध में जानकारी प्राप्त करें. संतुलित आहार जरूरी है. अपनी रूचि के काम कर मानसिक व शारीरिक रूप से खुद को संक्रिय रखें. अनावश्य खाली बैठे रहने से ध्यान भटकता है और अवसाद बढ़ने लगता है. लोगों से मिलते जुलते रहें और सामाजिक रूप से सक्रिय रहें. घर में बुजुर्गों का ख्याल रखें. कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें.

कोरोना से बचाव के लिए भी निम्न बातों का रखें ध्यान :

  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगायें
  • हाथों को साबुन पानी से नियमित धोयें
  • घर से बाहर जाने पर सैनिटाइजर रखें
  • गंदे हाथों का संपर्क नाक मुंह से न हो
  • छींकते, खांसते समय मुंह पर रूमाल रखें