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भीषण गर्मी-लू से बचाव को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, हर स्तर पर तैयारी

सिवान:जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जिले में लू, अग्निकांड और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। 10 अप्रैल को जिले में अचानक हुई भारी बारिश और वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई। इनमें से तीन मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जा चुकी है।

शहरी क्षेत्रों में प्याऊ और वॉटर टैंकर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख स्थलों पर लू से बचाव की जानकारी वाले पोस्टर लगाए जाएंगे। सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में लू से पीड़ितों के इलाज की विशेष व्यवस्था की गई है। ओआरएस, जीवन रक्षक दवाएं, आईवी फ्लूड की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे। एसी, कूलर और आइस क्यूब की व्यवस्था भी रहेगी।

गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर मरीजों के लिए विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। स्टैटिक और चलंत चिकित्सा दल की व्यवस्था की जा रही है। एंबुलेंस को भी तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत चल रहे ग्रामीण ऑटो को आपात स्थिति में उपयोग करने की अनुमति दी गई है।

सभी अस्पतालों में लू से बचाव की जानकारी वाले फ्लेक्स लगाए जाएंगे। पीएचईडी को खराब चापाकलों की मरम्मत युद्ध स्तर पर कराने का निर्देश दिया गया है। जहां जल-नल योजना का पानी नहीं पहुंचता, वहां टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा।

सभी स्कूलों और परीक्षा केंद्रों में चापाकलों की मरम्मत और ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी पेयजल और जीवन रक्षक घोल की व्यवस्था की जाएगी। नवजात, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था के तहत सरकारी ट्यूबवेल के पास गड्ढा खुदवाकर पानी जमा करने का निर्देश दिया गया है। बीमार पशुओं के इलाज के लिए चिकित्सा दल और दवाओं की व्यवस्था की जाएगी।

मनरेगा के तहत तालाबों और आहर की खुदाई तेज करने का निर्देश दिया गया है। लू के दौरान मनरेगा की कार्य अवधि सुबह 6 से 11 बजे और शाम 3:30 से 6:30 बजे तक निर्धारित की गई है। कार्यस्थल पर पेयजल, आश्रय स्थल और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रहेगी।

पंचायतों में “क्या करें, क्या न करें” का प्रचार कराया जाएगा। जल संरक्षण योजनाओं पर काम करने और पेयजल की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। मजदूरों की कार्य अवधि भी लचीली की गई है। खुले में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेयजल, आइस पैड, शेड और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी।

बिजली विभाग को ढीले तारों की मरम्मत और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। जनसंपर्क विभाग को लू से बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।

अग्निकांड की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन विभाग को सतर्क किया गया है। शॉपिंग मॉल, पेट्रोल पंप और अस्पतालों में फायर ऑडिट और मॉक ड्रिल कराई जाएगी। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां 24 घंटे तैयार रहेंगी। आग लगने की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

पीड़ितों को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि देने और जले हुए मकानों का सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक भी हो चुकी है। सभी विभागों को आपसी समन्वय से राहत कार्य चलाने को कहा गया है।

जिला पदाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र के नंबर 06154-242000 पर तुरंत सूचना दें।