बक्सर में जिला स्तरीय बैंकिंग समीक्षा बैठक, डीएम ने जताई नाराजगी
बक्सर:जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय बैंकिंग समीक्षा बैठक हुई। इसमें दिसंबर 2025 तिमाही की जिला सलाहकार समिति, जिला स्तरीय समीक्षा समिति और आर-सेटी परामर्शदात्री समिति की प्रगति पर चर्चा हुई।

अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही की प्रगति रिपोर्ट पेश की। डीएम ने जिले के साख-जमा अनुपात और वार्षिक ऋण योजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। कम लक्ष्य प्राप्त करने वाले बैंकों के जिला समन्वयकों को निर्देश दिया कि वे अपनी शाखाओं को चिन्हित कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजें। वार्षिक ऋण लक्ष्यों को जल्द पूरा करने का भी आदेश दिया।
पीएमईजीपी और पीएमएफएमई योजनाओं की समीक्षा में बक्सर जिले का राज्य में क्रमशः दूसरा और पहला स्थान आने पर संतोष जताया गया। डीएम ने सभी जिला समन्वयकों को ऋण स्वीकृति आवेदनों का त्वरित वितरण सुनिश्चित करने को कहा।
लोक मांग बसूली (पीडीआर) अधिनियम के तहत दायर वादों के शीघ्र निपटारे पर जोर दिया गया। डीएम ने सभी शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे तय तिथियों पर अंचलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालयों में जाकर वादों का रजिस्टर 9 और 10 से मिलान कराएं। लापरवाही बरतने वाले बैंक शाखाओं के नियंत्री पदाधिकारियों को सूचित कर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की संभाव्य ऋण योजना (PLP) लॉन्च की। इसमें दलहन और फल-सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई।
बैठक में उपायुक्त बैंकिंग, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, आर-सेटी निदेशिका, सभी बैंकों के जिला समन्वयक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।