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फाइलेरिया मरीजों को घर पर इलाज की सुविधा, किट का वितरण शुरू

सिवान:फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को राहत देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एमएमडीपी किट का वितरण शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य मरीजों को घर पर ही समुचित देखभाल की सुविधा देना है। सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। यह कई वर्षों तक शरीर में रहने के बाद लक्षण दिखाता है। इससे हाथ, पैर या अन्य अंगों में सूजन होती है। मरीज को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

राज्य के सभी 38 जिले फाइलेरिया प्रभावित घोषित हैं। इनमें 1,58,644 मरीज चिन्हित किए गए हैं। इन्हें हर साल एक बार एमएमडीपी किट निःशुल्क दी जाएगी। सिवान जिले में अब तक 6008 मरीज सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें 5417 हाथीपांव और 591 हाइड्रोसिल के मरीज हैं। जिले में फिलहाल 980 एमएमडीपी किट उपलब्ध कराई गई है। बड़हरिया में 125, बसंतपुर 50, भगवानपुर हाट 55, दरौली 70, दारौंदा 140, गोरेयाकोठी 30, गुठनी 75, हसनपुरा 15, हुसैनगंज 35, लकड़ी नबीगंज 20, महाराजगंज 55, मैरवा 60, नौतन 15, पचरुखी 100, रघुनाथपुर 60, सिसवन 25, सदर प्रखंड 35 और जिरादेई में 15 किट दी गई है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि सभी सूचीबद्ध मरीजों को किट ससमय देने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सीएचओ को निर्देश दिया गया है। विभागीय अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। किट वितरण के साथ मरीजों को इसके सही उपयोग की जानकारी भी दी जा रही है। किट में साबुन, ऐंटिसेप्टिक, तौलिया, मरहम, पट्टी और जरूरी दवाएं शामिल हैं। इससे मरीज अपने प्रभावित अंगों की सफाई कर संक्रमण से बच सकते हैं। सूजन कम करने में भी मदद मिलती है।

फाइलेरिया नोडल अधिकारी प्रीति आनंद ने बताया कि पीरामल स्वास्थ्य के सहयोग से मरीजों को एमएमडीपी किट के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। डॉ ओपी लाल ने कहा कि यह किट केवल इलाज का साधन नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है।