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कटिहार में सिंथेटिक पैराथाइराइड के छिड़काव को लेकर जिलास्तरीय टास्क फोर्स का गठन

स्वास्थ्यकर्मी डोर टू डोर भ्रमण कर करेंगे छिड़काव: डीवीबीडीसीओ

कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव सबसे बेहतर विकल्प: वीडीसीओ

बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव: डीवीबीडी सलाहकार

कटिहार(बिहार)कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में सिंथेटिक पैराथाइराइड (एसपी पाउडर) का सघन छिड़काव अभियान चलेगा। इस अभियान की शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में हुई। इस अवसर पर प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ.जयप्रकाश सिंह,जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.एस सरकार,जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.आरके सुमन,वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी (वीबीड़ीसीओ) नंद किशोर मिश्र, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार डॉ जयप्रकाश महतो,सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित जिले के सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, वीबीडीएस, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से एसडीसी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर किया जाएगा छिड़काव: डीवीबीडीसीओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जयप्रकाश सिंह ने कहा कि आगामी 10 अगस्त से जिले में सघन एसपी पाउडर छिड़काव अभियान शुरू होने वाला है।जिसको लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हुए सभी पदाधिकारियों के द्वारा छिड़काव कार्य का लगातार पर्यवेक्षण किया जाता है।ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियमानुसार छिड़काव कर्मियों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर नियत समय पर कार्य किया जा रहा है।इस अभियान के दौरान गठित छिड़काव टीम के द्वारा घर-घर जाकर छिड़काव किया जाएगा और एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाना है।साथ ही इस बीमारी के शुरुआती लक्षण, कारण,बचाव एवं उपचार की भी जानकारी दी जाएगी।ताकि लोग शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान कर समय रहते आवश्यक उपाय कर सकें।

कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव सबसे बेहतर विकल्प: वीडीसीओ
वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी नंदकिशोर मिश्र ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए कालाजार प्रभावित गांव और क्षेत्रों में एसपी पाउडर से छिड़काव कराने का निर्णय लिया गया है।गुणवत्तापूर्ण छिड़काव के लिए पर्यवेक्षण कार्य संबंधित सभी स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मियों द्वारा किया जाना सुनिश्चित करना होगा।कालाजार प्रभावित 5,78,635 जनसंख्या वाले जिले के 1,18,439 घरों के 2,84,815 कमरों में छिड़काव किया जाना है। कालाजार वीएल की बात करें तो वर्ष 2020 में 47, 2021 में 41, 2022 में 33 जबकि जुलाई 2023 तक 8 मरीजों की पहचान की गई है। जबकि कालाजार पीकेडीएल की बात करें तो वर्ष 2020 में 15, 2021 में 17, 2022 में 14 मामले सामने आए थे। जबकि इस वर्ष अभी तक एक भी कालाजार पीकेडीएल से जुड़ा नया मामले सामने नहीं आया है। कालाजार जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए समय समय पर छिड़काव किया जाता है।

बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव: डीवीबीडी सलाहकार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार जयप्रकाश महतो ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार बीमारी फैलती है।एसपी पाउडर के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सकता है।जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार छिड़काव किया जाता है।ताकि बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके। हालांकि कालाजार का लक्षण मिलने के साथ ही नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। उसके बाद ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं।सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज की मुफ्त व समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इस बीमारी से बचने के लिए जमीन पर नहीं सोएं।मच्छरदानी का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए।

घरों में छिड़काव के दौरान इन बातों को विशेष रूप से रखें ख्याल:
छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
घर के सभी कमरों,रसोई घर,पूजा घर,एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री,बर्तन,कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें,जिससे कीटनाशक का असर बना रहे।अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।