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पूर्णिया के आंगनबाड़ी केंद्रों में छः माह के बच्चों का हुआ अन्नप्राशन

  • छः माह के बाद बच्चों के ऊपरी आहार से संबंधित दी गई जानकारी
  • घर के खाने को ऊपरी आहार में शामिल करने पर जोर
  • प्रदर्शन एवं अभ्यास पर दिया गया विशेष ज़ोर

पूर्णिया(बिहार)बच्चों को बेहतर पोषण प्रदान कराने के उद्देश्य से जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अन्नप्राशन का आयोजन किया गया। जिसमें 6 माह से ऊपर के बच्चों को अनुपूरक आहार का सेवन कराकर उनके अतिरिक्त पोषण की शुरुआत की गई। इसके साथ ही बच्चों के परिजनों को बच्चों के ऊपरी आहार से संबंधित व्यवहार परिवर्तन में सुधार के लिए जागरूक किया गया। जिले के श्रीनगर प्रखंड के गढ़िया बलुआ पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 69 में तथा झुनीकला पंचायत के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 88 में आईसीडीएस डीपीओ रीना श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित बच्चों को भोजन खिलाकर बच्चों के अतिरिक्त पोषण की शुरुआत की गई। इस दौरान श्रीनगर प्रखंड सीडीपीओ बसंती पवन, राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया, जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

छः माह के बाद बच्चों के ऊपरी आहार से संबंधित दी गई जानकारी :
आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) रीना श्रीवास्तव ने बताया अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 से 12 माह के बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर बच्चों के लिए 6 माह के बाद ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गई। लोगों को बताया गया कि 6 से 9 माह के शिशु को दिनभर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाना आवश्यक है। इससे बच्चा कुपोषण ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकता है। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की बात बताई गयी। साथ ही आईसीडीएस डीपीओ द्वारा उपस्थित लोगों से बच्चों के अतिरिक्त पोषण के लिए घर के पुरुषों को भी शामिल करने के लिए जागरूक किया गया। जिससे बच्चों को सही भोजन नियमित रूप में मिलता रहे।

घर के खाने को ऊपरी आहार में शामिल करने पर जोर :
अन्नप्राशन दिवस पर आंगनबाड़ी केंद्र में उपस्थित लोगों को घर के खाने को ऊपरी आहार के रूप में शामिल करने के लिए जागरूक किया गया। राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने बताया कि अन्नप्राशन दिवस पर बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर घर में उपलब्ध खाने को ऊपरी आहार के रूप में बच्चों को सेवन कराने के लिए जागरूक किया गया। इसमें लाये गए खाने में शामिल चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जी, अंडा एवं अन्य खाद्य पदार्थों की पोषक तत्वों के विषय में चर्चा कर अभिभावकों को इसके विषय में जागरूक किया गया। बच्चों की माताओं को आंगनबाड़ी केंद्र में मैन्यू के अनुसार पका एक कटोरी भोजन बच्चों को सेवन भी कराया गया। इस दौरान हाथ धोने का प्रदर्शन भी किया गया जिसमें बच्चों को खाना खिलाने से पूर्व साबुन से हाथ धुलने के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन हुआ।

प्रदर्शन एवं अभ्यास पर दिया गया विशेष ज़ोर:
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि अन्नप्राशन दिवस पर आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा बच्चों को अतिरिक्त भोजन खिलाने से पूर्व हाथ धोने के प्रदर्शन के बाद खाने को मसलकर एवं अर्ध ठोस आहार बना कर खिलाने के प्रति जागरूक किया किया। साथ ही 7 माह एवं इससे बड़ी उम्र के ऐसे बच्चें जिनको खाने की आदत है उन्हें उनकी माताओं के साथ ही यू-आकार में बिठाकर खाने के लिए प्रेरित करने की जानकारी दी गई ताकि बड़े बच्चों को खाना खाते देखकर 6 माह के बच्चों में भी खाना खाने की इच्छा जागृत हो सके। इसके अलावा सेविकाओं द्वारा खाने की इच्छा के संकेतों को पहचानकर साफ हाथ या चम्मच से बच्चों को खाना खिलाने का भी उपस्थित लोगों को जानकारी दी गयी।