परिवार नियोजन परामर्श केंद्र का उद्घाटन, जागरूकता पर जोर
मोतिहारी(बिहार)सदर अस्पताल में परिवार नियोजन परामर्श केंद्र का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. रविभूषण श्रीवास्तव ने किया। परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा की शुरुआत के साथ यह केंद्र शुरू हुआ। सिविल सर्जन ने कहा कि योग्य दंपतियों को जागरूक करना और परामर्श देना जरूरी है। बढ़ती जनसंख्या पर रोक के लिए यह कदम अहम है। ओपीडी के बाहर स्टॉल लगाकर महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की जानकारी दी जा रही है। परिवार नियोजन के अस्थायी संसाधन जैसे कंडोम, माला, छाया, अंतरा और गर्भनिरोधक दवाएं वितरित की जा रही हैं।
सही उम्र में शादी और बच्चों में अंतर जरूरी
डीसीएम नंदन झा ने कहा कि युवक-युवतियों का सही समय पर विवाह होना चाहिए। दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर जरूरी है। जिले की आशा कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रही हैं। सास-बहू सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी बैनर, पोस्टर और माइकिंग के जरिए सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी और छोटे परिवार के लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं। गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। जिले के सभी 27 प्रखंडों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई, एमपीए, बंध्याकरण और नसबंदी की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य, शहरी निकाय, स्वास्थ्य कर्मी और सिविल सोसायटी के सहयोग से जागरूकता फैलाई जा रही है।
पुरुष नसबंदी आसान प्रक्रिया, जागरूकता जरूरी
डीएस डॉ. विजय कुमार और एसीएमओ गंगाधर तिवारी ने कहा कि सदर अस्पताल समेत जिले के सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी निःशुल्क कराई जाती है। पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया महिला बंध्याकरण से सरल है। समाज में इसे लेकर कई भ्रम फैले हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुषों को आगे आना होगा। पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपए और महिला बंध्याकरण कराने वाली लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।