Homeदेशबिहारस्वास्थ्य

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम के तहत अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का किया गया निरीक्षण

अस्पताल के विभिन्न विभागों की गहनतापूर्वक की गयी जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञ
मानकों पर खड़ा उतारने के लिए दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश: यूनिसेफ़
एनक्यूएएस को लेकर तैयारियां शुरू: एमओआईसी

पूर्णिया(बिहार)देश के अलग अलग राज्यों में सामुदायिक स्तर पर सार्वजनिक अस्पतालों की विश्वसनीयता को लेकर पहले से बेहतर सुख सुविधाएं उपलब्ध करने के उद्देश्य से भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक ( NQAS) कार्यक्रम की शुरुआत की गई हैं। अस्पताल के आंतरिक एवं बाह्य मूल्यांकन के लिए टीम द्वारा विभिन्न पहलुओं जैसे- संक्रमण नियंत्रण अभ्यास, रोगी देखभाल, रोगी प्रतिक्रिया, नैदानिक सेवाएं, गुणवत्ता प्रबंधन और कई अन्य बिंदुओं पर अस्पताल के 10 विभागों का मूल्यांकन किया जाना है। ताकि बेहतरीन तरीक़े से स्वास्थ्य विभाग में प्रदर्शन किया जा सके। जिसको लेकर पटना से आई दो सदस्यीय टीम,यूनिसेफ की ओर से स्वास्थ्य विशेषज्ञ सिद्धार्थ शंकर रेड्डी एवं पूर्णिया प्रमंडल के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बनमनखी अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल का लगभग पांच घण्टे तक निरीक्षण किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के डीसीएम संजय कुमार दिनकर, बनमनखी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, लेखपाल रंजन कुमार, यूनिसेफ़ के मोअम्मर शमीम, नंदन कुमार झा, तनुज कौशिक सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

निरीक्षण करते अधिकारी

अस्पताल के विभिन्न विभागों की गहनतापूर्वक की गयी जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञ
यूनिसेफ़ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ सिद्धार्थ शंकर ने अनुमंडलीय अस्पताल के निरीक्षण के बाद बताया स्थानीय अस्पताल में ब्लड बैंक, ओपीडी, प्रसव कक्ष, दवा भंडारण, इमरजेंसी सेवा, जेनरल ऑपरेशन थिएटर, रेडियोलॉजी, अंतर विभाग (आईपीडी), सामान्य प्रशासन एवं एक्जेलरी सहित कई अन्य विभागों की बारीकी से गहनतापूर्वक जांच की गई। एनक्यूएएस के तहत सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद उसका विधिवत रूप से निरीक्षण किया जाएगा। टीम के द्वारा किये गए मूल्यांकन पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। हर तरह की आंतरिक एवं राज्य स्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदाय ऑडिट तथा मरीज़ों को आश्वस्त करने के बाद सर्वे की प्रक्रिया की जानी है। इसके लिए सभी चिह्नित विभागों के लिए नोडल अधिकारी एवं प्रभारी नर्स का चयन किया गया है। वहीं चिह्नित विभागों के गैप असेसमेंट के आधार पर निकाले गए गैप को एक्शन प्लान के अनुसार 25 मई तक भरा जाना है।

मानकों पर खड़ा उतारने के लिए दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ की देखरेख में अस्पताल का भ्रमण कर सभी 12 विभागों का निरीक्षण किया गया। लेकिन 10 विभाग को ही मानकों पर खड़ा उतरने के लिए सुधार एवं सुसज्जित तरीक़े से सुव्यवस्थित करने के लिए स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। हालांकि जल्द से जल्द व्यवस्था को सुधार करने के लिए मात्र दो महीने का समय दिया गया है। समय से सुधार एवं सुख सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अस्पतालों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने एवं मरीजों को बेहतर उपचार के बाद सलाह देने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित रूप से प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अस्पताल के सभी विभागों का स्कोर 90% से ऊपर होने के बाद ही राज्य मुख्यालय से निरीक्षण करने के लिए अनुरोध किया जाएगा।

एनक्यूएएस को लेकर तैयारियां शुरू: एमओआईसी
स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन बे बताया ओपीडी, आईपीडी, जांच केंद्र, प्रसव कक्ष, आपातकालीन सेवा, रेडियोलाॅजी विभाग, फार्मेसी व दवा स्टोर, जनरल एडमिन, ऑपरेशन थियेटर एवं एनबीएसयू जैसे मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाना है।
जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यूनिसेफ़ के द्वारा अस्पताल के सभी स्टाफ नर्स एवं चिकित्सकों को सप्ताह में दो दिन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही डॉक्यूमेंटेशन को प्रजेंट करने के लिए चयनित व्यक्ति को प्रशिक्षित किया जाना है। ताकि राज्य मुख्यालय से आने वाले अधिकारियों को
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक ( NQAS) से संबंधित बारीकियों को जानकारी दे सके।