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संस्थागत प्रसव से मां और शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित

सिवान:मां और शिशु को सुरक्षित वातावरण में प्रसव कराना संस्थागत प्रसव का मुख्य उद्देश्य है। घर पर अस्वच्छ परिस्थितियों में प्रसव से संक्रमण, अधिक रक्तस्राव और जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में अनुभवी चिकित्सक, प्रशिक्षित नर्सें, स्वच्छ उपकरण और त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध रहती है। इससे जोखिम काफी कम हो जाता है।

सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि अस्पतालों में हर दर्द को समझने वाले प्रशिक्षित चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहते हैं। स्वच्छ बिस्तर, कीटाणुरहित उपकरण और अनुभवी टीम मां और शिशु के सबसे अनमोल पल को सुरक्षित बनाते हैं। यही संस्थागत प्रसव का सही अर्थ है।

सीएचसी बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने कहा कि स्वच्छ वातावरण, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और सही उपकरण प्रसव के दौरान मां और शिशु दोनों के जीवन की रक्षा करते हैं। प्रसव से पहले हाथों की सफाई, उपकरणों का कीटाणु रहित होना और उचित देखभाल अनिवार्य रूप से की जाती है। इससे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है। संस्थागत प्रसव से महिलाओं को बेहतर पोषण, टीकाकरण और प्रसव के बाद देखभाल जैसी अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलती हैं। इसका लक्ष्य हर मां को सुरक्षित मातृत्व और हर नवजात को स्वस्थ जीवन की शुरुआत देना है।

बीसीएम सह प्रभारी बीएचएम सरफराज अहमद ने बताया कि स्थानीय सीएचसी बसंतपुर के प्रसव कक्ष की प्रभारी स्टाफ नर्स मुन्नी कुमारी और रूपा रानी, एएनएम सीमा कुमारी, फुलमनी ब्राउद और रेणु देवी के देखरेख में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1903 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराया गया। 27 अप्रैल 2025 तक 103 प्रसव कराए जा चुके हैं।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय सीएचसी में प्रसव के दौरान सभी निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है। प्रसव कराने वाली महिलाओं को गरिमापूर्ण देखभाल दी जाती है। इससे जटिलताओं के समय पर उचित प्रबंधन और महिलाओं की संतुष्टि में स्पष्ट सुधार देखा गया है। मजबूत नेतृत्व, समर्पित टीम, अस्पतालों की आधारभूत संरचना और मानव संसाधनों में सुधार, डॉक्टरों व नर्सों को समय-समय पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रमाणित संस्थानों के अनुभव साझा किए जाते हैं।