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कोरोना महामारी को लेकर जांच व टीकाकरण प्राथमिकता: डीएम

बेहतर प्रबंधन व ससमय इसके क्रियान्वयन से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दिया निर्देश:
एएनसी जांच व वीएचएसएनडी सेवाओं को बेहतर बनाकर मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का हो प्रयास:
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिये एचडब्ल्यूसी का बेहतर संचालन जरूरी:

अररिया(बिहार)स्वास्थ्य संबंधी मामलों की समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। इसमें टीबी उन्मूलन, कोरोना जांच व टीकारण, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के सफल संचालन, परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता सहित स्वास्थ्य संबंधी अन्य योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिये गये। डीएम ने जिले में कुपोषण के मामलों में कमी लाने के लिये एएनसी जांच को प्रभावी बनाने, वीएचएसएनडी कार्यक्रम की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए इसे जनोपयोगी बनाने को लेकर बैठक में कई जरूरी सुझाव दिये। साथ ही सभी कार्यक्रम प्रबंधकों को संबंधित कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करते हुए बेहतर उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। मौके पर डीडीसी मनोज कुमार, सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, डीआईओ डॉ मोईज, एसीएमओ डॉ राजेश कुमार, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, डीपीएम रेहान असरफ, एडीपीआरओ दिलीप सरकार सहित सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि व अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।

शहरी इलाकों में शत प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य हासिल करने का निर्देश:
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के क्रम में डीएम ने मरीजों की खोज प्रक्रिया में आयी शिथिलता पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मरीजों को ससमय दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, निर्धारित पोर्टल पर टीबी मरीजों के अद्यतन स्थिति की प्रवृष्टि प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिये हर सप्ताह एसीएमओ का इसकी समीक्षा व महीने में दो दिन सिविल सर्जन के माध्यम से इसकी समीक्षा का आदेश दिया गया। कोरोना जांच व टीकाकरण मामलों की समीक्षा करते हुए डीएम ने कहा कि हर दिन जांच का निर्धारित लक्ष्य हासिल किया जाये। डीएम ने शहरी इलाकों में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराते हुए टीकाकरण के मामले में अब तक बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुर्साकांटा व सिकटी प्रखंड में शतप्रतिशत लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इसके लिये उपलब्ध कोरोना टीका का 40 प्रतिशत हिस्सा इन प्रखंडों का उपलब्ध कराया जायेंगे।

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को सुविधा संपन्न बनाने की हो पहल:
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को स्वास्थ्य व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी मानते हुए डीएम ने सेंटर पर उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं को मजबूत करने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि हर शनिवार पर इन सेंटरों पर विशेष आयोजन करते हुए कोरोना जांच, वैक्सीनेशन, ओपीडी सेवाएं, एनसीडी, फैमली प्लानिंग व परिवार नियोजन संबंधी विशेष इंतजाम सुनिश्चित कराया जाये। जिले में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिये एएनसी कार्यक्रम को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। हाई रिस्क प्रसव को चिह्नित करते हुए सुरक्षित प्रसव का इंतजाम सुनिश्चित कराया जाये। फिलहाल सदर अस्पताल में सीजेरियन डिलिवरी की सुविधा उपलब्ध है। अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में ये सेवा बहाल करने के लिये रानीगंज के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार से सहयोग प्राप्त करने की बात बैठक में कही गयी। हर महीने कम से कम 15 सीजेरियन डिलीवरी अनुमंडल अस्पताल में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। जिले में कुपोषण के मामलों में कमी लाने के लिये कमजोर नवजात को चिह्नित करते हुए इसकी समुचित निगरानी रखने को कहा गया।

वीएचएसएनडी साइट का सफल संचालन जरूरी:
डीएम ने कहा कि वीएचएसएनडी साइट पर टीकाकरण के अलावा स्वास्थ्य, पोषण, सैनिटेशन सहित अन्य मामलों पर विस्तृत परिचर्चा का आयोजन किया जाना चाहिये। साथ ही महिलाओं को निर्धारित मात्रा में आयरन व कैल्सयम गोली का वितरण सुनिश्चित कराने को कहा। इसके साथ ही अल्बेंडाजोल गोली का वितरण भी प्रमुखता के आधार पर करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि पीएचसी स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा की जाये। एसीएमओ को आगामी बैठक से पूर्व कम से कम 20 वीएचएसएनडी साइट का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया। आरसीएच अपडेशन को महत्वपूर्ण बताते हुए इसमें संबंधित गांव, योग्य दंपति, गर्भवती महिलाएं व नवजात से जुड़ी जानकारी अद्यतन करने के लिये अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये। परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिये सघन जागरूकता अभियान का संचालन करते हुए दंपतियों को छोटे परिवार के महत्व से अवगत कराने को कहा। दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की समीक्षा में पाया गया कि 15 जुलाई से संचालित अभियान के तहत अब तक निर्धारित लक्ष्य 728972 की तुलना में अब तक 1.25 लाख परिवारों को ओआरएस व जिंक की दवा उपलब्ध करायी गयी। इसका शत प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश बैठक में डीएम ने दिया।