हकेवि में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की हुई शुरुआत
मुख्य अतिथि के रूप में एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो.राजीव कुमार ने किया संबोधित
महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में शनिवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। फ्यूचर प्रिंटिंग एंड स्कोप फोर इंडिया विषय पर केंद्रित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने कहा कि आज के समय में इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप युवा शक्ति को तैयार करने से ही वर्तमान की चुनौतियों का समाधान और भविष्य के लिए आवश्यक संसाधनों व तकनीकी का विकास संभव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन में जिस तरह से इंडस्ट्री व शैक्षणिक मोर्चे पर सांझेदारी के साथ आपसी संवाद का मंच तैयार किया गया है उससे अवश्य ही इस दिशा में उल्लेखनीय परिणामों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग डिपार्टमेंट, ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन (ओपीए), लुधियाना की सांझेदारी में ऑफ इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर्स के तत्वावधान में मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एन्टरप्राइजेस, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत विश्वविद्यालय के प्रो.मूलचंद शर्मा सभागार में दीप प्रज्वलित, सरस्वती वंदना व कुलगीत के साथ हुई।
इसके पश्चात सम्मेलन के कनविनर श्री संदीप बूरा विश्वविद्यालय के प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग विभाग से सभी प्रतिभागियों से अवगत कराया और उसके द्वारा बीते सालों पर अर्जित उपलब्धियों की जानकारी दी। सम्मेलन के संदर्भ में उन्होंने बताया कि दो दिवसीय इस आयोजन में भारत सहित इंडोनेशिया, बाग्लादेश, श्री लंका, थाइलैंड, नेपाल व भूटान से भी विशेषज्ञ जुड़ने जा रहे है। इसी क्रम में वर्ल्ड प्रिंट एंड कम्युनिकेशन फोरम के अध्यक्ष प्रो.कमल मोहन चोपड़ा ने इस आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और प्रिंटिंग के आरंभ से उसकी विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए वर्तमान की चुनौतियों और भविष्य के लिए आवश्यक तैयारियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इस अवसर पर ओपीए के प्रयासों से भी अवगत कराया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में विशेष रूप से इंडस्ट्री के सहयोग से शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक कौशल विकास की दिशा में बदलावों को जरूरी बताया और कहा कि अवश्यक ही इस तरह के आयोजन के माध्यम से इस दिशा में जारी प्रयास उल्लेखनीय परिणाम प्रदान करेंगे।
उन्होंने प्रिंटिंग के बदलते स्वरूप और उसमें निरंतर हो रहे तकनीकी बदलावों का भी उल्लेख किया और कहा कि आज भी यदि देखे तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्लास्टिक की अपेक्षा कागज अधिक उपयोगी है। प्लास्टिक का पुनः प्रयोग बेहद मुश्किल है और यह नष्ट होने में भी समय लेती है जबकि कागज का पुनः प्रयोग संभव है। कुलपति ने इस मौके पर प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग विभाग के उल्लेखनीय प्रयासों व उपलब्धियों के लिए उनकी प्रशंसा भी की।मुख्य अतिथि एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो.राजीव कुमार ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार के नेतृत्व में जारी प्रगति पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अवश्य ही इस तरह का आयोजन कर विश्वविद्यालय ने प्रिंटिंग के क्षेत्र में उपलब्ध समस्याओं के निदान होते एक मंच उपलब्ध कराया है, जिसका लाभ आने वाले समय में देखने को मिलेगा। प्रो. राजीव कुमार ने इस मौके पर एआईसीटीई के द्वारा नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए जारी विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि आज तकनीकी शिक्षा में भाषा की बाधा खत्म हो चुकी है और एआईसीटीई विभिन्न भाषाओं अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा रहा हैं। तरह उन्होंने कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों के विकास, विभिन्न उपयोगी पोर्टल जैसे पलक, विद्यांजलि का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि अब कौशल विकास के लिए विद्यार्थियों को अधिकतम अवसर उपलब्ध हो, इसके लिए विषय विशेष की बाध्यता अब नहीं रहेगी। कार्यक्रम के अंत में गणमान्य अतिथियों को उनके योगदान के लिए आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी प्रो.फूल सिंह सहित देशभर से आए इंडस्ट्री, शैक्षणिक क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रमुख रूप से उपस्थित रहें। इनमें एआईएफएमपी के अध्यक्ष श्री पी चंद्र, श्री नरेंद्र पचौरी, श्री अहमद एम नुरानी, श्री जुल्कोर शाहिन आदि के नाम प्रमुख रहे। इस सम्मेलन के आयोजन में प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग डिपार्टमेंट के प्रभारी श्री संदीप बूरा सहित विभाग के शिक्षक श्री अनिल कुंडू, श्री शम्मी मेहरा, श्री तरूण और निशान सिंह सहित विद्यार्थियों व शोद्यार्थियों ने विशेष भूमिका निभाई।
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