फाइलेरिया से बचाव के लिए टापू गांव में दवा खिलाई
सिवान:जिले के दरौली प्रखंड के पचभेनिया पंचायत अंतर्गत मनियर टुकड़ा गांव में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 57 घरों के 169 वंचित योग्य लाभार्थियों को दवा खिलाई गई। यह गांव सरयू नदी के बीच टापू जैसा है। यहां पहुंचना मुश्किल होता है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं ने मिलकर यह अभियान सफल बनाया।

सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि फरवरी में जिले में चलाए गए अभियान में 99.25 प्रतिशत योग्य लाभार्थियों को दवा दी गई। सिर्फ 0.02 प्रतिशत को हल्की परेशानी हुई। 0.01 प्रतिशत ने दवा लेने से इनकार किया। अभियान में डब्ल्यूएचओ, पीरामल स्वास्थ्य और हसनपुरा के दो पीएसपी सदस्यों का सहयोग रहा।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश लाल ने बताया कि 10 से 28 फरवरी 2025 तक जिले में फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खिलाई गई। 10, 11 और 13 फरवरी को बूथ लगाकर 518102 यानी 15.05 प्रतिशत लाभार्थियों को दवा दी गई। 14 से 28 फरवरी तक घर-घर जाकर 2823867 यानी 84.05 प्रतिशत लोगों को दवा खिलाई गई। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने यह काम किया।

मनियर टुकड़ा गांव में पहले कुछ लोग दवा से वंचित रह गए थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं ने संयुक्त रूप से गांव की पहचान की। वहां कैंप लगाकर सभी को दवा दी गई। इस दौरान मीडिया ने भी सिफार संस्था के सहयोग से अहम भूमिका निभाई।
सीएचसी दरौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. लाल बाबू यादव ने बताया कि पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी अमितेश कुमार के नेतृत्व में आशा फेसिलेटर मनोरमा देवी और आशा कार्यकर्ता ज्ञान्ति देवी ने घर-घर जाकर दवा खिलाई। दरौली प्रखंड की कुल जनसंख्या 210046 है। इसमें 178539 योग्य लाभार्थी हैं। इनमें से 175787 यानी 98 प्रतिशत को समय पर दवा दी गई।

स्वास्थ्य जांच शिविर के दौरान पता चला कि मनियर टुकड़ा गांव में कुछ लोग दवा नहीं ले पाए थे। इसके बाद कई बार बैठक कर लोगों को जागरूक किया गया। फिर जाकर यह सफलता मिली।