विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर दलों संग बैठक, घर-घर होगा सत्यापन
गोपालगंज:जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय सभाकक्ष में विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर बैठक हुई। इसमें सभी ईआरओ और एईआरओ के साथ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देशित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई।

जिलाधिकारी ने बताया कि यह पुनरीक्षण 1 जुलाई 2025 की अर्हक तिथि को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हों। अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाए जाएं। मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिरहित हो।

उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र पदाधिकारी यानी बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में जोड़ने के लिए ईएफ फॉर्म वितरित किए जाएंगे। बीएलओ लोगों को फॉर्म भरने में मार्गदर्शन देंगे। साथ ही आवश्यक दस्तावेज एकत्र करेंगे। नागरिक चाहें तो ईएफ फॉर्म और दस्तावेज ऑनलाइन भी अपलोड कर सकते हैं।

पुनरीक्षण के दौरान संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा। अब तक पात्रता की जांच ईआरओ अपने स्तर पर करते थे। अब तकनीक के उपयोग से यह प्रक्रिया और पारदर्शी होगी। ईआरओ द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को ईसीआईनेट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इनकी गोपनीयता बनी रहेगी। केवल अधिकृत अधिकारी ही इन्हें देख सकेंगे।
यदि किसी राजनीतिक दल या मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो एईआरओ जांच करेंगे। इसके बाद ही ईआरओ निर्णय लेंगे। ईआरओ के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील की जा सकती है।
पिछली बार गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। अब शहरीकरण, प्रवासन, युवाओं के 18 वर्ष की आयु पूरी करने, मृत्यु की जानकारी समय पर न मिलने जैसी स्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है।
बीएलओ द्वारा एकत्र ईएफ के आधार पर ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली तैयार की जाएगी। इसकी प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दी जाएंगी। साथ ही ईसीआई और सीईओ की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएंगी।
निर्वाचक नामावली की शुद्धता बनाए रखने के लिए बीएलओ पर्यवेक्षक उनके कार्य की जांच करेंगे। वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब और कमजोर वर्गों को परेशानी न हो, इसके लिए वालंटियर्स की मदद ली जाएगी। राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा।

