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राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या (NH-19) फोरलेन सड़क निर्माण में कार्य कर चुके 50 से अधिक संवेदकों के लगभग 35 करोड़ बकाया भुगतान नहीं होने से कर्ज में डूबे ठेकेदार

सारण(बिहार)छपरा-हाजीपुर फोरलेन सड़क परियोजना से जुड़े लगभग 50 से अधिक संवेदक आज कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। बुधवार को दिघवारा में आयोजित एक अहम बैठक में इन संवेदकों ने अपनी व्यथा साझा की और बकाया राशि के भुगतान को लेकर रोष जताया। उनका कहना है कि करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों का भुगतान आज तक नहीं हुआ, जिसके चलते वे भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। संवेदकों द्वारा बनाए गए समूह के द्वारा दिघवारा में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया गया कि मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड के तहत एनएचएआई की परियोजना में मेहनत और पूंजी लगाकर काम पूरा किया गया है, लेकिन काम का 90% हिस्सा पूरा होने के बाद कंपनी को अचानक हटा दिया गया, जो अपने आप में एनएच के इतिहास में पहली बार हुआ है। हालांकि नियमानुसार 75% कार्य पूरा होने के बाद प्रत्येक छह महीने पर 65 करोड़ रुपये का भुगतान होना चाहिए था, लेकिन जब 90% कार्य पूर्ण हो चुका था, तब भी एक भी किश्त नहीं दी गई है। संवेदकों द्वारा यह भी चेतावनी दी गई है कि जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिलेगा, तब तक निर्माण कार्यों का शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राज सेल्स के संचालक राजीव रंजन सिंह मुन्ना, पप्पू सिंह, जेके सिंह सहित कई अन्य संवेदकों द्वारा संयुक्त रूप से बताया गया कि हमलोगों ने निर्माण कार्य के लिए ब्याज पर पैसा उधार लिया था, जो अब कर्ज के रूप में उनके सिर पर पहाड़ बन चुका है। बैंक और साहूकार दोनों का दबाव अलग है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। क्योंकि परियोजना का शेष कार्य अग्रवाल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया है। लेकिन नियमों के अनुसार नई निर्माण एजेंसी को पहले पुरानी कंपनी के अधीन कार्य कर चुके वेंडरों और संवेदकों के बकाया का निपटारा करना था, मगर ऐसा नहीं किया गया है। नई कंपनी केवल अपने कार्यों से जुड़े लोगों को ही भुगतान कर रही है, जबकि पुरानी बकाया राशि को लेकर संवेदकों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

बैठक के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि नई निर्माण एजेंसी को पूर्व वेंडरों में से केवल उन्हीं लोगों को भुगतान किया जा रहा है, जिनकी अभी जरूरत है, बाकी को दरकिनार कर दिया गया है। इससे संवेदकों में जबरदस्त असंतोष फैल गया है। स्थानीय भाजपा सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी, राज्य और केंद्र सरकार के अलावा एनएचएआई से मांग की गई है कि जल्द से जल्द लंबित भुगतान किया जाए, ताकि दर्जनों परिवारों को इस आर्थिक त्रासदी से राहत मिल सके।

बैठक के दौरान पप्पू सिंह, जेके सिंह, राजीव रंजन सिंह, अंजनी सिंह, राजू तिवारी, ललन तिवारी, विकास कुमार, विवेक कुमार, सुरेंद्र राय, श्याम बाबू राय, कृष्ण मुरारी राय, टुनटुन सिंह, अनिल कुमार, आनंद राठौर, अभिषेक कुमार यादव, सुबोध कुमार, सत्यप्रकाश सिंह, अमितेश रंजन, जितेंद्र तिवारी सहित कई अन्य संवेदक मौजूद रहे।

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