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परामर्श केंद्र के जरिये परिवार नियोजन के उपायों के प्रति लोगों को किया जा रहा जागरूक

सदर अस्पताल में किया जा रहा परिवार नियोजन परामर्श केंद्र का संचालन

योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन उपायों के प्रति जागरूक करने के साथ दी जाती है इसके फायदे व दुष्प्रभावों की जानकारी

अररिया(बिहार)सुखी व समृद्ध जीवन के लिये परिवार का छोटा आकार होना जरूरी है. हमारे समाज में छोटा परिवार को सुखी परिवार इसलिये कहा जाता है कि एक परिवार में लोगों की कम संख्या होने के कारण बच्चों का पालन-पोषण भोजन, कपड़ा व अन्य सुख-सुविधाओं को पूरा करना आसान होता है. पहले के समय एक ही छत के नीचे कई पीढ़ी व परिवार के लोग एक साथ रहते थे. जनसंख्या कम थी और जरूरी संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे. लेकिन बदलते समय के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ती गयी. इसके साथ ही जरूरी संसाधन की समस्या भी खड़ी होने लगी है. छोटा परिवार होने से परिवार के सभी सदस्यों की जरूरतों को पूरा करना आसान होता है. आज के दौर परिवार के आकार को छोटा रखने के लिये कई स्थायी व अस्थायी उपाय मौजूद हैं. लेकिन इसे लेकर लोगों में आज भी जागरूकता की कमी है. लोगों को इसे लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से सदर अस्पताल में परिवार नियोजन परामर्श केंद्र का संचालन शुरू किया गया है. ताकि लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों के प्रति जागरूक किया जा सके. साथ ही लोग अपने पसंद व सहुलियत के मुताबिक इन संसाधनों को उपयोग के लिये प्रेरित किया जा सके.
मां व बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से नियोजन जरूरी:
परिवार नियोजन परामर्श केंद्र के संचालन से जुड़ी जानकारी देते हुए केयर इंडिया की डीटीएल पर्णा चक्रवती ने कहा कि परिवार की खुशहाली के लिये इसका छोटा आकार होना जरूरी है. बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भी यह खासा महत्वपूर्ण है. बढ़ती आबादी जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुंच व टिकाऊ विकास की राह में बाधाएं खड़ी करता है. इसके उलट परिवार नियोजन के उपायों पर अमल करने से मां व शिशु की सेहत में सुधार होता है. जो स्वास्थ्य ढ़ांचे का अनिवार्य हिस्सा है. इससे बच्चों के बीच जन्म अंतराल रखने व गर्भनिरोध में भी मदद मिलती है. कुपोषण घटाने, घर के खर्च को नियंत्रित करने व मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के मामलों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका साबित हो चुकी है. इसे लेकर स्वास्थ्यय विभाग के स्तर से जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं.

नियोजन उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करना है उद्देश्य:
परिवार नियोजन परामर्श केंद्र के संचालन से जुड़ी जानकारी देते हुए फैमली प्लानिंग कार्डिनेटर अविनाश कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों को लेकर आज भी जिले की अधिकांश आबादी में जागरूकता की कमी है. लोग आज भी बंध्याकरण को ही परिवार नियोजन का एक मात्र उपाय मानते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. परिवार नियोजन के लिये आज कई स्थायी व अस्थायी साधन उपलब्ध हैं. जिसके उपयोग से बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने, अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने में मददगार है. माला एन, ओसी पिल्स, कोंडोम, अंतरा व कॉपर टी का नाम इसमें शामिल है. जिसके उपयोग परिवार नियोजन के लिहाज से सुरक्षित व उपयोगी है.

उचित परामर्श के लिये हर दिन पहुंच रही दर्जनों महिलाएं:
फैमली प्लानिंग कार्डिनेटर अविनाश कुमार ने बताया कि उचित सलाह के लिये हर दिन दर्जनों दंपति व महिलाएं परामर्श केंद्र पर पहुंच रही हैं. इस दौरान उन्हें परिवार में बेटियों की शादी 18 साल बाद करने की सलाह दी जाती है. तो पहला बच्चा 20 की उम्र के बाद व दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल रखने के लिये प्रेरित किया जाता है. उन्हें परिवार नियोजन के महत्व की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा कम अंतराल में बार-बार मां बनने से होने वाले नुकसान के प्रति भी आगाह किया जाता है. इसके बाद उन्हें परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों की जानकारी दी जाती है. इच्छुक महिलाओं को परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों के फायदे व इसके दुष्प्रभावों की समुचित जानकारी परामर्श केंद्र के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती है.

संक्रमण से बचाव के लिये इन उपायों पर अमल जरूरी:
नियमित रूप से मास्क का सेवन करें
भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें
आपसी मेल-जोल के वक्त शारीरिक दूरी का ध्यान रखें
थोड़े-थोड़े समयांतराल बाद हाथों की सफाई करें
हाथों की सफाई के लिये साबुन व एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग सुरक्षित
सार्वजनिक जगहों पर थूकने से परहेज करें
बार-बार अपने नाक, मूंह व आंख को छूने से परहेज करें