पटना स्तनपान पर जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व भर में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। स्तनपान पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने में रेडियो की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन द्वारा शनिवार को शहर के एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस दौरान विडियो, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन एवं समूह कार्य के जरिए स्तनपान के महत्व एवं इसके संबंध में सामुदायिक जागरूकता की जरूरत पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार शुक्ला ने बताया स्तनपान जैसे बुनियादी मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने में रेडियो एवं सामुदायिक रेडियो की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ग्रामीण एवं क्षेत्रीय भाषाओं को मिलाकर रेडियो की पहुँच लगभग 99 प्रतिशत लोगों तक होती है। इसलिए सूचनाओं को सरल रूप में लोगों तक पहुंचाने की जरूरत और ज़िम्मेदारी दोनों अधिक हो जाती है। प्राप्त सूचनाओं को समुदाय तक पहुंचाने के लिए लक्षित समुदाय की अच्छी समझ एवं सूचनाओं से होने वाले दूरगामी असर को भी ध्यान में रखने की जरूरत है।
पीसीआई के तकनीकी विशेषज्ञ (पोषण) विराज लक्ष्मी सारंगी ने बताया स्तनपान पर लोगों को जागरूक करने के लिए रेडियो जॉकी के सहयोग की आवश्यकता है। स्तनपान शिशु को बेहतर पोषण प्रदान करने के साथ निमोनिया, डायरिया एवं कुपोषण से बचाव भी करता है। बेहतर पोषण के अभाव में बच्चे बौनापन, कम वजन एवं दुबलापन का शिकार होते हैं। जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध एवं अगले 6 माह तक केवल स्तनपान कराने से शिशु मृत्यु दर में 22 प्रतिशत तक की कमी लायी जा सकती है।
इससे प्रति वर्ष लगभग 8.20 लाख बच्चों की जान बचाई जा सकती है। जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान, अगले 6 माह तक केवल स्तनपान( ऊपर से पानी भी नहीं) एवं शिशु का दो साल तक स्तनपान जारी रखने से डायरिया में 54 प्रतिशत एवं अन्य संक्रमण में 32 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है। स्तनपान कराने वाली लगभग 20000 माताओं की प्रतिवर्ष कैंसर से बचाव होती है। लेंसेट की रिपोर्ट के अनुसार कुल दस मानकों में सुधार कर बौनापन (उम्र के हिसाब से ऊँचाई) में 90 प्रतिशत की कमी लायी जा सकती है जिसमें स्तनपान की भूमिका सबसे अधिक होती है। स्तनपान के फ़ायदे
स्तनपान के फ़ायदों के विषय में इस दौरान विस्तार से जानकारी भी दी गयी।
शिशु के सर्वांगीण मानसिक एवं शारीरिक विकास में सहायक
शिशु एवं माँ के बीच जुड़ाव में वृद्धि
माँ की त्वचा का संपर्क शिशु के तापमान को बनाए रखता है
शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी
निमोनिया, डायरिया एवं बाल कुपोषण से बचाव
दूध उतरने में सहायक
पहला गाढ़ा पीला दूध या कोलोस्ट्रम से गंभीर बीमारियों से बचाव
इस दौरान रेडियो मिर्ची, बिग एफएम, रेडियो स्नेही, रेडियो रिमझिम के अलावा सामुदायिक रेडियो से रेडियो जॉकी एवं आकाशवाणी के वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
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