हाथीपांव से राहत देगा एमएमडीपी किट का नियमित उपयोग
सिवान:फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों को अब राहत मिलेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एमएमडीपी किट का वितरण शुरू किया है। नौतन सीएचसी में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आकाश कुमार ने कहा कि फाइलेरिया जानलेवा नहीं, पर घातक बीमारी है। समय पर इलाज नहीं होने पर मरीज दिव्यांग बन सकते हैं। एमएमडीपी किट का नियमित उपयोग कर मरीज बीमारी की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। इसके लिए मरीजों को खुद जागरूक होना होगा।

स्थानीय स्तर पर 98 मरीज चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 15 को एमएमडीपी किट दिया गया। 10 मरीजों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। किट में डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया सहित अन्य सामग्री दी गई है। मरीजों को बताया गया कि डेटॉल साबुन से पैरों की सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम से संक्रमण रोका जा सकता है।

डीवीबीडीसीओ डॉ. ओम प्रकाश लाल ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि किट वितरण के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाए। बिना प्रशिक्षण मरीज किट का सही उपयोग नहीं कर पाते। किट के जरिए मरीजों को प्रभावित अंगों की देखभाल के तरीके सिखाए जाते हैं।

पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी अमितेश कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कराया जाता है। साथ ही एमएमडीपी किट भी दी जाती है। इससे मरीजों को चलने-फिरने और काम करने में राहत मिलती है।
कार्यक्रम में डॉ. आकाश कुमार, बीसीएम सह प्रभारी बीएचएम राजीव कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, परिवार नियोजन परामर्शी प्रभात कुमार पांडेय, लेखापाल बच्चा दूबे, स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदर्श श्रीवास्तव, एमएम एंड ईए राय जी, डेटा ऑपरेटर निशिकांत कुमार, आशा फेसिलेटर अंजू देवी, शोभा देवी, बालिका देवी, राजकुमारी देवी, आरती देवी और अन्य आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।