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परिवार नियोजन के लिए चौपाल, टीकाकरण केंद्रों पर भी साधन उपलब्ध होंगे

सारण:जिले में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल शुरू की है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने और साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों और सार्वजनिक स्थलों पर चौपाल लगाई जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए जिला समन्वय समिति की बैठक हुई। यह बैठक पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित की गई।

चौपालों में स्थायी साधनों के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की जानकारी दी जाएगी। अस्थायी साधनों में मला-एन, छाया, इजी पिल्स और अंतरा जैसी गर्भनिरोधक दवाओं के उपयोग के बारे में बताया जाएगा। नवदंपतियों को पहले दो साल तक बच्चा न होने और दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। “बच्चे दो ही अच्छे” जैसे स्लोगन के जरिए परिवार नियोजन के लाभ समझाए जाएंगे। चौपालों का आयोजन पिरामल संस्था के सहयोग से किया जाएगा।

टीकाकरण केंद्रों पर भी मिलेंगे परिवार नियोजन के साधन:

परिवार नियोजन कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए टीकाकरण स्थलों पर भी साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने सुझाव दिया कि आउटरिच में आयोजित होने वाले टीकाकरण केंद्रों पर ग्रीन चैनल के माध्यम से शत-प्रतिशत साधन उपलब्ध कराए जाएं। इससे दूर-दराज के लोगों को भी आसानी से परिवार नियोजन के साधन मिल सकेंगे।

महिला बंध्याकरण के लिए फिक्स-डे सर्विसेज:

महिला बंध्याकरण सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए फिक्स-डे सर्विसेज का कैलेंडर तैयार किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी विशेष दिन पर एक निश्चित संस्थान में बंध्याकरण की प्रक्रिया हो। इससे निगरानी आसान होगी और यह पता चलेगा कि कितने लाभार्थियों ने सेवा ली।

बैठक में डीआईओ डॉ. सुमन कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. आकृति, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, पीएसआई इंडिया से राजीव कुमार और मुरलीधर, पिरामल संस्था से अभिमन्यु और मृणाल, सीफार डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि मुरलीधर और राजीव कुमार ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य परिवार नियोजन साधनों को हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है। खासकर उन इलाकों में, जहां जागरूकता की कमी है। स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि लोग परिवार नियोजन को सुरक्षित और सामान्य प्रक्रिया के रूप में अपनाएं, ताकि अनावश्यक गर्भधारण से बचा जा सके।