ज़िले की 36 एएनएम को तीन पाली में किया गया प्रशिक्षित: आरपीएम
पीपीआईयूसीडी, बच्चों में अंतर रखने का सुरक्षित माध्यम: स्वास्थ्य अपर निदेशक
आईयूसीडी से होने वाले लाभ को विस्तारपूर्वक बताया गया: जीशा केएच
परिवार नियोजन में आईयूसीडी सबसे बेहतर विकल्प: अंशु कुमारी
पूर्णिया(बिहार)परिवार नियोजन कार्यक्रम की मजबूती के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इकबाल ने बताया कि 12 जुलाई से 16,17 से 21 और 22 से 26 जुलाई तक पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में जिले के विभिन्न अस्पतालों की 36 एएनएम शामल हुईं थी। परिवार नियोजन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एएनएम स्कूल में किया गया। हालांकि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के प्रसव कक्ष में व्यावहारिक ज्ञान को लेकर प्रसव कक्ष की प्रभारी जीशा केएच एवं स्टाफ़ नर्स अंशु कुमारी के द्वारा विस्तृत रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में शामिल थी।
पीपीआईयूसीडी,बच्चों में अंतर रखने का सुरक्षित माध्यम: स्वास्थ्य अपर निदेशक
क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ विजय कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की मजबूती को लेकर हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर समय-समय पर जीएनएम, एएनएम को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के उपरांत संबंधित जीएनएम एवं एएनएम अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों पर महिलाओं को परिवार नियोजन से संबंधित सेवाओं की जानकारी देकर इसके इस्तेमाल करने को लेकर जागरूक करेंगी। क्योंकि पीपीआईयूसीडी के माध्यम से बच्चों में सुरक्षित अंतर रखने में मदद मिलती है।सबसे अहम बात यह है कि अनचाहे गर्भ से बचने या दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने का यह सुरक्षित व उपयोगी माध्यम है।प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से मामूली जांच के बाद इसे आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है।फिर दंपति जब भी बच्चा चाहें इसे अस्पताल जाकर सुलभ तरीक़े से निकालवा सकती हैं ।
आईयूसीडी से होने वाले लाभ को विस्तारपूर्वक बताया गया: जीशा केएच
मुख्य प्रशिक्षक सह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के प्रसव कक्ष की प्रभारी जीशा केएच ने प्रशिक्षण में शामिल सभी एएनएम को परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उचित माध्यम है।आईयूसीडी से होने वाले लाभ एवं लगाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर विस्तार पूर्वक बताया गया। उपस्थित प्रतिभागियों को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतराल के लिए आईयूसीडी के प्रयोग से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।
परिवार नियोजन में आईयूसीडी सबसे बेहतर विकल्प: अंशु कुमारी
कार्यक्रम की प्रशिक्षक अंशु कुमारी ने बताया कि महिलाएं चीर-फाड़ के डर से बंध्याकरण कराने से डरती हैं। लेकिन उनके लिए आईयूसीडी सबसे बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। क्योंकि प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व आईयूसीडी कभी भी नजदीकी सरकारी अस्पतालों में आसानी से लगाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता वहीं इसके इस्तेमाल करने से सेहत में किसी भी प्रकार से कोई नुकसान भी नहीं होता है।
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