नीरा स्टॉल की शुरुआत, ताड़ के पेड़ से रोजगार की राह
राजपुर:राजपुर प्रखंड के बन्नी पंचायत में 29 अप्रैल 2025 को नीरा व्यवसाय से जुड़े मुकेश पासी और नावानगर प्रखंड के सोनवर्षा बाजार में नीरा स्टॉल का उद्घाटन हुआ। मुकेश पासी की पत्नी साईं समूह से जुड़ी हैं। राजपुर में हुए कार्यक्रम में सामुदायिक समन्वयक चंदन कुमार, क्षेत्रीय समन्वयक अमजद हुसैन अंसारी और एलएचएस पवन कुमार मौजूद रहे।

नावानगर के सोनवर्षा बाजार के पास ताड़ और खजूर के पेड़ों से पारंपरिक व्यवसाय करने वाले परिवारों के लिए नारीशक्ति जीविका महिला संकुल संघ ने “नीरा संग्रहण व विक्रय केंद्र” की शुरुआत की। इसका संचालन शिवम् जीविका नीरा उत्पादक समूह करेगा। संकुल संघ की अध्यक्ष संगीता देवी, नीरा उत्पादक समूह की अध्यक्ष प्रतिमा देवी, फार्म प्रबंधक शमीम असलम और बीपीएम पप्पू प्रसाद इस केंद्र को चलाएंगे।

इस मौके पर जीविकोपार्जन विशेषज्ञ अखिलेश दीक्षित ने ग्रामीणों और दीदियों को नीरा संग्रहण की विधि बताई। उन्होंने कहा कि नए लवनी का प्रयोग करें। रोजाना उसे साफ करें और अंदर चुना का हल्का लेप लगाएं, जिससे पीएच मान संतुलित रहे। सूर्योदय से पहले नीरा उतारें और छान लें। तापमान न बढ़े इसके लिए ठंडा रखने की व्यवस्था करें। किण्वन से पहले नीरा को उबालें, फिर ठंडा कर उसमें लीची, ऑरेंज, आम जैसे फ्लेवर मिलाकर कांच की बोतल में भरें और फ्रीजर में रखें। इससे नीरा लंबे समय तक बेचा जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि नीरा से गुड़, मिश्री बनाई जा सकती है। ताड़ के पत्तों से चटाई, पंखी जैसे उत्पाद भी तैयार किए जा सकते हैं। ताड़ के पेड़ को कल्पवृक्ष कहा जाता है। इसके श्राव में विटामिन, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर के लिए फायदेमंद है। इसकी प्रकृति ठंडी होती है, जो पेट के लिए लाभकारी है। यह मूत्र संबंधी रोग, आंख आना, वात और पित्त में भी राहत देता है। ताड़ के पत्ते के रस को फल के साथ मिलाकर पीने से यूरिन में जलन से राहत मिलती है।
बीपीएम नावानगर ने बताया कि आगे और भी जीविका केंद्र खोले जाएंगे। इस अवसर पर एसी धनंजय भारती, सीसी बबलू कुमार और जीविका की अन्य दीदियां मौजूद थीं।