सामाजिक समरस्ता का मूल संस्कृत के योगशास्त्र में अंतर्निहित

सामाजिक समरसता का मूल संस्कृत के योगशास्त्र में अन्तर्निहित – प्रो. मानस ब्रू (फ़िनलैण्ड)

मोतीहारी(बिहार)महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय,बिहार के संस्कृत विभाग द्वारा २९ जून, २०२०को संस्कृत साहित्य में सामाजिक न्याय एवं समरसता विषयक पर…

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