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मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

मोतिहारी:जिला मत्स्य कार्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय मत्स्य प्रत्यक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ. नूतन, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी, अदापुर प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति की मंत्री उपमरावती देवी, शिवशंकर निषाद सहित विभिन्न प्रखंडों से आए मत्स्य कृषक शामिल हुए।

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। मत्स्य प्रत्यक्षण के तहत यांत्रिक एरेटर, बायोफ्लॉक और रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) का मॉडल विस्तार से दिखाया गया। इन तकनीकों से होने वाले लाभों पर भी प्रशिक्षण दिया गया।

बायोफ्लॉक टैंक:
इस तकनीक का उद्देश्य कम वर्षा और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सघन मत्स्य पालन को बढ़ावा देना है। पारंपरिक मत्स्य पालन की तुलना में कम जगह और कम पानी में अधिक उत्पादन संभव है। 5000 वर्ग फीट के टैंक में छह महीने में चार टन मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ्लॉक टैंक की इकाई लागत 7.50 लाख रुपये प्रति यूनिट तय की गई है। इस योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत और महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS):
इस तकनीक से भी कम जगह और कम पानी में अधिक मत्स्य उत्पादन संभव है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत इसकी इकाई लागत 7.50 लाख रुपये प्रति यूनिट तय की गई है। इस योजना में भी सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत और महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।