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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रित दो दिवसीय सम्मेलन की हुई शुरुआत

कुलपति बोले सम्मेलन से भविष्य की कार्ययोजना निर्धारण में मिलेगी मदद

मुख्य वक्ता प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने कहा सुधार की दिशा में प्रयास निरंतर जारी

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में गुरुवार से महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण पर केंद्रित दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा वित्त पोषित एवं नेशनल एकेडमी ऑफ साइक्लॉजी (एनएओपी) के सहयोग से विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र उपस्थित रहे। इस आयोजन के मुख्य संरक्षक व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने उद्बोधन में विषय और उसके अंतर्गत होने वाले विमर्श के महत्त्व पर प्रकाश डाला और कहा कि अवश्य ही दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के माध्यम से महिला स्वास्थ्य व कल्याण की दिशा में भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

कुलपति ने अपने संबोधन में आयोजको व अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही यह आयोजन निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु नई दिशा प्रदान करने में मदद करेगा। कुलपति ने अपने संबोधन में विशेष रूप से हरियाणा और इससे जुड़े गीता के ज्ञान का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं सदैव ही सामाजिक विकास का महत्त्वपूर्ण अंग रही हैं। इतिहास से लेकर वर्तमान तक किसी भी संस्कृति के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। जहां तक बात स्वास्थ्य और कल्याण की है तो इस दिशा में महिला व पुरूष सभी के स्तर पर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना जरूरी है। दो दिवसीय यह आयोजन भारतीय परिवेश में महिलाओं की स्थिति पर विस्तार से चर्चा और उस चर्चा के माध्यम से सुधार की संभावना तलाशने का एक प्रयास है। आयोजन में मुख्य वक्ता प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने कहा कि भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। फिर वह चाहे काम करने के, पढ़ने के समान अवसर हों या फिर न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायिका में प्रतिभागिता के मौके। हम देख रहे हैं कि निरंतर इस दिशा में महिलाओं की स्थिति में सुधार आ रहा है लेकिन अभी भी बहुत प्रयास शेष है और इसके लिए आवश्यक है कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से विमर्श कर कार्ययोजना तैयार की जाए। प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने विश्वविद्यालय कुलपति व आयोजको की इस दो दिवसीय आयोजन हेतु सराहना की।

इससे पूर्व में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन व विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। सर्वप्रथम मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. पायल कंवर चंदेल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और बताया कि आयोजन में देश के 15 राज्यों से संबंधित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, शोधार्थी व शिक्षक सम्मिलित हुए हैं और जहां तक विषय की बात है तो यह विषय समाज की बेहतरी के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है। इसके पश्चात विभाग के प्रो. वी.एन. यादव ने आयोजन के लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि अवश्य ही हम इस आयोजन के माध्यम से महिला स्वास्थ्य व कल्याण के स्तर पर जारी प्रयासों को नई गति प्रदान करने में मददगार होंगे। कार्यक्रम में उपस्थित एनएओपी की अध्यक्ष व इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रो. नीना कोहली ने संगठन के उद्देश्यों उनके प्रयासों और उसके माध्यम से किए गए विभिन्न सकारात्मक कार्यों से अवगत कराया। साथ ही साथ उन्होंने दो दिवसीय इस आयोजन के दौरान विभिन्न सत्रों में होने वाले विमर्श की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी। इसी क्रम में एनएओपी के डॉ. संजय कुमार ने भारत में महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण की मौजूदा स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विषय आज के समय में महत्त्वपूर्ण है और इस पर विस्तार से चर्चा नीति निर्धारकों के लिए भी मददगार साबित होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रवि पांडे ने सम्मेलन के विभिन्न सत्रों और उसके विषयों की जानकारी उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष रखी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रदीप कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। यहां बता दें कि दो दिवसीय इस सम्मेलन से पूर्व विश्वविद्यालय में अकादमिक लेखन और लैंगिक हिंसा में फोरेंसिक मनोविज्ञान के अनुप्रयोग विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. कृष्ण कुमार मिश्रा तथा बीएचयू के डॉ. तुषार सिंह विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बीएचयू से प्रो. पूर्णिमा अवस्थी व डॉ. तुषार सिंह, आईआईटी दिल्ली से प्रो. पूर्णिमा सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. नवीन कुमार, एएमयू से प्रो. रूमाना सिद्दीकी, सीबीएलयू से प्रो. राधेश्याम, एमडीयू से डॉ. सोनिया मलिक भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।