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जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक एवं आईसीडीएस की योजना से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आयोजित

  • बैठक में स्वास्थ्य विभाग एवं सामेकित बाल विकास कार्यक्रम के सभी कार्यक्रम की समीक्षा की गई
  • परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर

किशनगंज(बिहार)जिले में स्वास्थ्य विभाग मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।स्वाथ्य विभाग के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ हीं नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा, आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं । शहर के रचना भवन के सभागार में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं सामेकित बाल विकास कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। मासिक बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि प्रखंडवार टीकाकरण, मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव,अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के माध्यम से गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं की सुरक्षा:
समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम में प्रसव पूर्व 4 हीमोग्लोबिन, बीपी जांच की जाती है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। विदित हो कि जिले के सभी चिकित्सा केन्द्रों में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। उन्होंने दवा की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग के पास सभी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
सामेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा:
सामेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा में जिला पदाधिकारी द्वारा सेविका सहायिका चयन एवं क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति, टोकन प्रणाली से पोषाहार/ टी एच आर वितरण की अद्यतन स्थिति, होम विजिट के माध्यम से आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, मनरेगा एवं आईसीडीएस के अभिसरण से भवन निर्माण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, सजन अभियान, न्यायालयवाद की गहन समीक्षा उपरांत जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन गृह भ्रमण (होम विजिट) के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। प्रत्येक माह टी० एच० आर०/पोषाहार वितरण हेतु निर्धारित तिथि से पूर्व व ससमय राशि की निकासी कोषागार से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि विभाग द्वारा निर्धारित तिथि में होम विजिट के माध्यम से टी० एच० आर०/ पोषाहार का लाभ लाभुकों को उपलब्ध कराया जा सके। सेविका, सहायता सभी संविदा कर्मियों एवं नियमित कर्मियों का वेतन/मानदेय ससमय भुगतान कराने, होम विजिट के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में अनिवार्य रूप से जनसमुदाय को बताने अन्य सभी योजनाओं से निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराते हुए आगामी जिला समन्वय समिति की बैठक से पूर्व अद्यतन प्रतिवेदन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को हस्तगत कराने एवं संबंधित अन्य कई दिशा निर्देश दिए।जिला पदाधिकारी द्वारा आईसीडीएस अंतर्गत संचालित योजनाओं में प्रतिबद्धता के साथ प्रशंसनीय एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला प्रोग्राम कार्यालय के सुशील कुमार झा सहित प्रत्येक परियोजना के दो- दो महिला पर्यवेक्षिका को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कोरोना टीकाकरण पर जोर:
समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कहा कि जिले में कोरोना के पॉजिटिव के रेट मात्र 1.47 % है| वर्तमान में जिले में कुल 04 दिन कोरोना टीकाकरण हुआ है।जिसमे कुल 1011 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया है। आगे से जिले में सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शनिवार को बचे स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जायेगा। निबंधित कर्मी टीकाकरण दिवस के दिन ऑन स्पॉट चयनित स्थलों पर जाकर कोरोना से बचाव को लेकर टीका ले सकते हैं।इसे लेकर लोगों को पहचान पत्र लेकर जाना होगा।चयनित टीकाकेन्द्र पर कर्मी, निबंधित कर्मी के मोबाइल नंबर व पहचान पत्र से पोर्टल पर दिये गये विवरणी पर मिलान करेंगे। सही तथ्य सामने आने पर संबंधित कर्मी को कोरोना का टीका दिया जायेगा। टीकाकरण की संख्या बढ़ाने को लेकर अब कोई भी निबंधित कर्मी टीकाकरण स्थल पर जाकर कोरोना का टीका ले सकते हैं। इसके लिये पहचान पत्र व मोबाइल नंबर का मिलान जरूरी होगा।

परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर:
बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी की जानकारी दी गई। परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उपयुक्त माध्यम है। चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी दें। आईयूसीडी लगाने के बाद महिलाओं के शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। महिलाएं चीर फाड़ के नाम पर बंध्याकरण से डरती हैं, उनके लिए आईयूसीडी बेहतर विकल्प है। सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व कभी भी आईयूसीडी को किसी सरकारी अस्पताल में लगवाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है तो इसके इस्तेमाल से सेहत को कोई नुकसान नहीं है।

स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाना हमारा कर्तव्य:

जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारु रूप से क्रियान्वयन करने हेतु सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया।जिसमें सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में कायाकल्प के तहत सभी कार्य करने से स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाया जा सकता है।बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन,डॉ कौशल किशोर,अस्पताल,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम,जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ. मुनाज़िम, जिला समन्वयक विश्वजीत कुमार , इपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण,यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ.अमित कुमार,केयर के प्रशुनजीत प्रमाणिक, सी -फार के जिला समन्वयक ,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी सामेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी , सभी महिला पर्यवेक्षिका ,प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक, लेखापाल आदि उपस्थित रहे।