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पत्नी ने मदद की कहानी झूठी, DSP बोले- 2016 में ही बन गया था अफसर

रांची(झारखंड)सोशल मीडिया, प्रिंट और टीवी चैनलों पर यह प्रचारित किया गया कि एक महिला ने पढ़ाई के दौरान एक अफसर की आर्थिक मदद की थी। दावा किया गया कि उसी महिला की मदद से वह डीएसपी बना। एक बड़े न्यूज़ चैनल ने हेडलाइन दी- “पत्नी ने ही तो डीएसपी बनाया”।अब अफसर ने खुद सामने आकर इन दावों को झूठा बताया है। कहा- महिला ने कई मुकदमों में बयान दिया कि वह मुझे दिल्ली से जानती है। यूपीएससी की तैयारी के दौरान लाखों रुपये की मदद की। फर्जी बिल भी दिखाए। अब उसी महिला ने चार पन्नों का लिखित बयान कोर्ट में दिया है।

DSP किशोर रजक द्वारा फेसबुक पर शेयर किया गया साक्ष्य

कहा है कि वह मुझे 2016 से फेसबुक के जरिए जानती है। नवंबर 2016 में रांची में मुझसे मिली थी।अफसर ने कहा- मैंने हाल ही में कोर्ट से सारे दस्तावेज निकाले हैं। अब आप ही बताइए, वह मेरी पढ़ाई और यूपीएससी की तैयारी में कैसे मदद कर सकती है? मैं तो फरवरी 2016 में ही डीएसपी बन गया था। यूपीएससी एसी में मेरा चयन 2012-13 में ही हो गया था।उन्होंने कहा- मेरे साथ बड़ा झूठ और फ्रॉड किया गया है। महिला सोशल मीडिया पर लगातार मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ जहर उगल रही है। अब वह जो करीब दो दर्जन मुकदमे कर चुकी हैं, उन पर जल्द वीडियो बनाऊंगा। कोर्ट की निष्क्रियता पर भी बात करूंगा। युवाओं को बताऊंगा कि फर्जी केस में फंसने पर कैसे खुद को बचाएं।अंत में उन्होंने कहा- सच को झूठ की बुनियाद पर कभी छुपाया नहीं जा सकता।