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कालाजार रोकथाम को 21 जुलाई से होगा छिड़काव

छपरा:जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग 21 जुलाई से 60 दिनों तक सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव कराएगा। यह अभियान 158 पंचायतों के 248 गांवों और शहरी क्षेत्र के 9 वार्डों में चलेगा। इसके तहत 8 लाख 64 हजार 906 की आबादी वाले 1 लाख 65 हजार 456 घरों को लक्षित किया गया है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और वीबीडीएस को निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि छिड़काव से पहले फील्ड वर्करों और ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी जरूरी उपकरणों की मरम्मत कर उन्हें तैयार रखा जाएगा।

डॉ. सिंह ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए आईआरएस कार्यक्रम के तहत साल में दो बार सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जाता है। गर्मी और बरसात के बीच कालाजार फैलने की आशंका बढ़ जाती है। बालू, मक्खी और मिट्टी वाले घरों की दीवारों, गौशालाओं और गंदगी वाली जगहों पर यह बीमारी पनपती है।

छिड़काव से पहले घरों की अंदरूनी दीवारों में मौजूद छिद्र बंद कर दिए जाएं। सभी कमरों की दीवारों पर छह फुट तक छिड़काव कराया जाए। छिड़काव के दो घंटे बाद ही घर में प्रवेश करें। खाने की वस्तुएं, कपड़े और बर्तन पहले ही हटा लें। छिड़काव के तीन महीने तक दीवारों पर रंगरोगन या लिपाई-पोताई नहीं करनी है।

वीडीसीओ सतीश कुमार ने बताया कि अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्यकर्मियों और छिड़काव कर्मियों के प्रशिक्षण का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। सभी को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कालाजार मादा सैंड फ्लाइ के काटने से होता है। यह जानलेवा बीमारी है। इसके लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, तिल्ली और जिगर का बढ़ना, खून की कमी, वजन घटना और त्वचा का रंग काला पड़ना शामिल है। समय पर इलाज से इससे बचाव संभव है। जिले में संभावित स्थलों की पहचान कर कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है। सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था है।