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उत्तर भारत में ‘शोषितों की क्रान्ति’ के जनक थे अमर शहीद जगदेव बाबू:रत्नेश भास्कर

सारण(बिहार)जिले के पचलक में शिक्षक चंद्रकेत कुमार के अवास पर बैठक आयोजित की गई। जिसमें 24 फरवरी को बिहार लेनिन जगदेव बाबू की जयंती मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. केदार सिंह ने कहा की पिछड़ों के मसीहा जगदेव बाबू की जयंती को लेकर अभी से तैयारी शुरू करने और शहर में हजारों की सांख्य में उपस्थित दर्ज कराने की बात कही। उन्होंने तैयारी को लेकर सभी लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी गई। बैठक में उपस्थित जिला परिषद रत्नेश भास्कर ने कहा कि जगदेव बाबू का जयंती जिला मुख्यालय में मनाने का निर्णय लिया है आगे उन्होंने ने कहा जगदेव बाबू समाज सुधारक के रूप में अविभाजित बिहार के एक मात्र नेता थे जो वंचित लोगो पिछड़ों की आवाज बनकर उभरे।

डॉ. एच. के. रंजन ने कहा कि जगदेव प्रसाद कुशवाहा सामाजिक परिवर्तन के महानायक तथा जन नेता थे। महात्मा ज्योतिबा फुले,पेरियार साहब, डॉ. भीमराव अंबेडकर और रामस्वरूप वर्मा जैसी शख्सियतों की विचारों से प्रभावित थे। बचपन से ही सामंतवाद व जातिवाद के विरुद्ध विद्रोही स्वभाव रहा और आजीवन समता के प्रबल समर्थक रहे जयंती समारोह मनाने के लिए संकल्पित होकर कुशवाहा समाज को एकजुट होकर कार्य करना होगा साथ ही जिन्हें जिम्मेदारियां दी गई है वे सभी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का सतत प्रयास करेंगे।बैठक में मुख्य रूप से,अशोक सिंह कुशवाहा,बिनय सिंह,पंचायत समिति संजीव कुमार सिंह,डॉ.नित्यानंद कुमार,रौनक कुमार रौशन,हरिबल्लभ सिंह, विजय सिंह,नारद सिंह कुशवाहा,किशोर सिंह,शिवकुमार सिंह,सुमन कुमार,चंदन कुमार सिंह,सहित सैकड़ों लोगों मौजूद रहे।