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शहीद जवान का शव पहुंचते ही एक झलक देखने के उमड़ा जन सैलाब

बिहार:सीवान के दोन का रहने वाला अग्निवीर जवान प्रदीप यादव (21) का पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिन के 9 बजे जैसे ही पैतृक गांव पहुंच वैसे ही जवान का एक झलक देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों की भारी भिड़ उमड़ने लगी है। पार्थिव शरीर घर पर पहुंचने का सभी को इंतजार है।ज्ञात हो की जम्मू कश्मीर के अखनूर के टांडा इलाके में मंगलवार की शाम एक यूनिट अपने ड्यूटी पर तैनात था। उसी में सीवान के दोन के रहने वाले शंभू यादव के छोटे पुत्र प्रदीप कुमार यादव भी अपने ड्यूटी पर थे। तभी अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। अन्य साथी प्रदीप के पास पहुंचे तो देखा प्रदीप घायल हालत में नीचे गिर पड़ा है। आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रदीप यादव टांडा क्षेत्र के 24 फील्ड रेजीमेंट की सेंट्री पोस्ट पर तैनात थे।

हलांकि अग्निवीर जवान की गोली लगने से मृत्यु के मामले में अभी तक सेना के तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नही आया है। प्रदीप के चाचा मूरत यादव ने बताया कि उन्हें एक अधिकारी ने फोन किया और आपका बेटा शहीद हो गया है। पूछने पर की कैसे शहीद हुआ तो उसे अधिकारी ने जवाब दिया कि आतंकवादी मुठभेड़ में वह शहीद हुआ है। हालांकि की इस घटना के बाद माता और पिता को कोई सदमा नहीं लगे इसलिए घर के अन्य परिजनों ने माता और पिता को मृत्यु की जानकारी नहीं दिया था। माता देवांति देवी और पिता शंभू यादव को यही जानकारी था कि पैर में गोली लगी है। कुछ दिन में ठीक हो जायेगा। जैसे ही शुक्रवार को सुबह उनके दरवाजे पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी तो मां समझ गई कि कुछ गड़बड़ है और दहाड़ मार कर रोने लगी। अब मां और पिता को भी जानकारी मिल चुका है कि प्रदीप की मृत्यु हो गई है।

स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि उनके धरती का लाल देश के लिए शहीद हुआ है। उन्हें प्रदीप के ऊपर गर्व है। प्रदीप के सम्मान में पूरा दोन बाजार बंद रहा। प्रदीप की उम्र 21 वर्ष थी। वर्ष 2022 में 21फरवरी के माह में प्रदीप ने अग्निवीर को ज्वाइन किया था।ज्ञात हो जब प्रदीप जब पहली बार अग्निवीर में भर्ती होने के बाद पहली बार वापस गांव लौटा था तो ढोल बाजे के साथ उसका ग्रामीणों ने स्वागत किया था। फूल माला पहनकर सम्मानपूर्वक ड्रोन से ढोल नगाड़े के साथ दरवाजे तक लाया गया था जहां पर मां ने चंदन तिलक लगाकर उसका स्वागत किया था। ग्रामीणों का भी कहना है कि हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे धरती का कोई जवान देश के लिए शहीद हुआ है। पार्थिव शरीर घर पहुंचने के बाद दरौली सरयू नदी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद का शव पहुंचते ही जब तक सूरज चांद रहेगा नारों से गूंज उठा जिरादेई

अग्निवीर जवान प्रदीप यादव का पार्थिव शरीर जैसे ही सीवान के जिरादेई मोड़ पर पहुंचा वहीं से हजारों की संख्या में युवा प्रदीप के सम्मान में भारत माता की जय, प्रदीप यादव जिंदाबाद, प्रदीप यादव अमर रहे का नारा लगाते हुए पीछे पीछे चल रहे थे। करीब 30किलोमीटर तक सड़क के किनारे दोनो ओर लोगो की भीड़ प्रदीप यादव का एक झलक पाने के लिए खड़ी रही।तिरंगा झंडा और भक्ति गीतों से गुजते हुए डीजे के साथ पार्थिव शरीर पैतृक गांव दोन पहुंचा। पार्थिव शरीर जैसे ही दरवाजे पर पहुंचा पिता शंभू यादव,मां देवांति देवी सहित पूरे परिवार वाले का रो-रो कर बुरा हाल होने लगा। वहीं पार्थिव शरीर को देख ग्रामीण के भी आंखे नम हो गई। चारो तरफ भारत माता की जय, प्रदीप यादव जिंदाबाद, प्रदीप यादव अमर रहे, डीजे पर भक्ति गाना गूंजता रहा।
दरवाजे पर पहुंची सेना की टुकड़ी द्वारा प्रदीप यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी गई। उसके बाद दरौली के सरयू नदी घाट के किनारे अंतिम संस्कार किया गया।

सुरक्षा में सीवान के एसडीएम सुनील और एसडीपीओ फिरोज आलम मुस्तैद रहे। रास्ते गुजरने के दौरान संबंधित थाना के पुलिस के सुरक्षा में पार्थिव शरीर को दरवाजे तक ले जाया गया।