गर्मी बढ़ते ही एईएस का खतरा, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
मोतिहारी:गर्मी बढ़ते ही जिले में जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का खतरा बढ़ जाता है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। एसडीएम श्वेता भारती की अध्यक्षता में जिला समाहरणालय में समीक्षा बैठक हुई। इसमें सभी अनुमंडल के उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, मार्केटिंग ऑफिसर, सीडीपीओ, बीईओ और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए। एसडीएम श्वेता भारती ने कहा कि गर्मी में एईएस और जेई के मामले ज्यादा आते हैं। इसे देखते हुए अनुमंडलीय अस्पतालों और पीएचसी में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ताकि मरीजों को इलाज में कोई दिक्कत न हो।

गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाए। पंपलेट बांटे जाएं और चौपाल लगाई जाए, ताकि लोग सतर्क रहें और बच्चों को सुरक्षित रख सकें। डीभीडीसीओ डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बच्चों का टीकाकरण कराया जाता है। ग्राउंड लेवल पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 5 बेड और प्रत्येक पीएचसी में 2 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है। आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी गई है। दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। ओआरएस और पैरासिटामोल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
चमकी बुखार के लक्षण :डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि इस बीमारी में पहले तेज बुखार आता है। फिर बच्चों के शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है और ब्लड शुगर लो हो जाता है। बच्चे बेहोश हो जाते हैं और उन्हें दौरे पड़ने लगते हैं। जबड़े और दांत कड़े हो जाते हैं। घबराहट बढ़ती है और कई बार कोमा की स्थिति बन जाती है। समय पर इलाज न मिलने पर मौत भी हो सकती है। ऐसे में परिजन तुरंत बच्चों को सरकारी अस्पताल लेकर आएं। सदर अस्पताल और सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है। बैठक में एसडीएम श्वेता भारती, डीभीडीसीओ डॉ. शरत चंद्र शर्मा, यूनिसेफ के जिला प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।