Homeदेशबिहारमनोरंजन

आशा रेपरेट्री के नाटक “रामलीला” से खुला बिहार के रंगमंच का लॉकडाउन

दूसरे लॉकडाउन के बाद बिहार में भी पूरे देश की तरह रंगमंच की गतिविधियां बंद थी ।

रामलीला का मंचन करते कलाकार

पटना(बिहार)प्रेमचंद रंगशाला ,पटना में आशा रेपरेट्री द्वारा व मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल के पूर्व छात्र जहाँगीर खान के निर्देशन में मुशी प्रेमचंद लिखित कहानी “ रामलीला” के सफल मंचन से बिहार के रंगमंच का लॉकडाउन खुल गया । एक बार फिर से रंगमंच की गतिविधियां सामान्य हो गयी ।

रामलीला का मंचन करते कलाकार

नाटक रामलीला मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक ऐसी कहानी है जिसकी प्रसांगिकता आज के समय में सब से ज्यादा है । इस कथा में एक वृद्ध व्यक्ति जो अपना पूरा जीवन गुजार जाने के बाद अपने उस ह्रदय में बसे प्रभु श्रीराम को ढूंढने निकलता है।उस व्यक्ति के मन में उनके बचपन के रामलीला के राम इस तरह बसे हुए है कि वो उनको ढूंढने के लिए व्यथित हो उठता है । कथा वर्तमान से भूत की ओर बढ़ती है ,जिस में उनके सारे संस्मरण बारी -बारी से उसके आंखों के सामने से गुजरते हैं।आज हम सब अपने मन के राम को कहीं विस्मृत कर चुके हैं , नाटक हमें इस ओर इंगित करता है कि हम अपने राम जी को जितना समझेंगे उतना ही समाज समरसता की ओर बढ़ेगा।ये नाटक संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के सहयोग से हो पाया।

इसमें मंच पर जो कलाकार अभिनय रहे थे जिसमे महिमा प्रसाद,अमन आर्य,सुंदरम शर्मा,श्रेयांशु मेहता, अभिमानशू रावत,विक्की ओबेरॉय,शाश्वत प्रत्यूष,गौरव अग्रवाल,आकाश केसरी,राखी कुमारी, गरिमा कौशिक,पूजा कुमारी उपस्थित थीं ।

वहीं इस नाटक का संगीत दिया था अजित कुमार ने उन्हें सहयोग किया था स्पर्श कुमार मिश्रा ने हारमोनियम पर मो.आसिफ़ , नाल स्पर्श कुमार मिश्रा व नगाड़ा मिथिलेश कुमार बजा रहे थे साथ ही इफेक्ट पर नंदकिशोर नंदू खंजरी पर विक्की ज्वेल थे । कोरस स्वर :- अमन कुमार ,प्रिंस कुमार का था । नाटक में रूप सज्जा जितेंद्र कुमार जीतू व रंग वस्तु -राज कुमार ने तैयार किया था ,प्रकाश परिकल्पना राजीव राय ने किया था । नाटक के सहायक निर्देशक थे शशांक शेखर व आशा रेपरेट्री की इस नाटक के निर्देशके थे जहाँगीर खान ।