Home

स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन और वसुधा केंद्र पर निःशुल्क बनाया जा रहा आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड, 31 मार्च तक किया गया विस्तारित

आयुष्मान भारत के कार्डधारी को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराना पहला लक्ष्य

लक्ष्य के अनुरूप धमदाहा, रुपौली व अमौर प्रखंडों में सबसे ज्यादा बनाया गया है आयुष्मान कार्ड

पूर्णिया(बिहार)ज़िले के 246 पंचायतों में आयुष्मान भारत योजना के तहत चिह्नित लगभग 17 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड बनाये जाने को लेकर 17 फरवरी से 03 मार्च तक आयुष्मान पखवाड़ा आयोजित किया गया था। लेकिन शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं होने के बाद बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ कौशल किशोर ने पत्र जारी आयुष्मान भारत के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ाया गया है। इसके तहत पंचायत स्तर पर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से शिविर का आयोजन कर लाभुकों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया जाना है। इसके साथ ही जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्र व वसुधा केंद्र पर कार्ड बनाना है। हालांकि वसुधा केंद्र पर कार्ड बनाने के लिए 30 रुपये शुल्क लिया जाता था लेकिन अब भारत सरकार ने इसे निःशुल्क कर दिया है। मालूम हो कि गोल्डन कार्ड की अनुपलब्धता के कारण वैसे सैकड़ों लाभुक परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभुकों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। जिला प्रशासन के द्वारा पूर्णिया जिले के सभी 246 पंचायतों के आरटीपीएस काउंटर पर गोल्डेन कार्ड निर्माण के लिए विशेष तौर से इंतजाम किया गया है। कार्ड के निर्माण व इसके वितरण संबंधी कार्यो के लिए पंचायती राज विभाग के कार्यपालक सहायकों का सहयोग लिया जा रहा है।

आयुष्मान भारत के कार्डधारी को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराना पहला लक्ष्य: सीएस
सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया पूर्णिया ज़िले में आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 66 हज़ार 219 परिवारों के पास लगभग 1 लाख 19 हज़ार 124 कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं। हालांकि अभी भी लगभग 4 लाख परिवारों के 19 लाख 38 हज़ार लोगों को गोल्डेन कार्ड दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। आयुष्मान भारत पखवाड़ा के दौरान 246 पंचायतों के 17 लाख, 25 हजार 55 लाभुकों के लक्ष्य को पूरा करते हुए लगभग 28 500 लाभुकों का गोल्डेन कार्ड बनाया जा चुका है। शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए पखवाड़ा का आयोजन किया गया था। इसके बावजूद लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है। जिसके आलोक में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ कौशल किशोर के द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ई-गोल्डन कार्ड बनाने के लिए समयावधि बढ़ायी गयी है। सदर अस्पताल सहित ज़िले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन कार्ड बनाने के लिए लाभुकों की भीड़ लगी रहती है, क्योंकि कार्डधारी मरीजों को विभिन्न तरह की बीमारियों को लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं ससमय मिलती हैं, जिस कारण अभी तक 1516 मरीजों को इस योजना के तहत लाभ मिल चुका है। पहले की अपेक्षा आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी भी हुई है। सदर अस्पताल पूर्णिया को इस योजना से जुड़े लाभार्थियों को निःशुल्क इलाज़ कराने के लिए राज्य में प्रथम स्थान मिल चुका है। आयुष्मान भारत योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इस योजना के लाभार्थी अपना नाम खुद भी mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर देख सकते हैं या फ़िर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल के द्वारा खुद से जानकारी भी ले सकते हैं।

लक्ष्य के अनुरूप धमदाहा, रुपौली व अमौर प्रखंडों में सबसे ज्यादा बनाया गया हैं आयुष्मान कार्ड: डीपीसी

आयुष्मान भारत के जिला समन्वयक नीलांबर कुमार ने बताया अमौर प्रखंड के 25 पंचायतों में 171401, बैसा के 16 पंचायतों में 112597, बायसी के 17 पंचायतों में 153107, बनमनखी के 27 पंचायतों में 150651, बड़हड़ा कोठी के 19 पंचायतों के 138176, भवानीपुर के 14 पंचायतों में 82393, डगरुआ के 18 पंचायतों में 133890, धमदाहा के 26 पंचायतों में 158208, जलालगढ़ के 10 पंचायतों में 58379, कसबा के 13 पंचायतों में 100538, कृत्या नगर के 18 पंचायतों में 138157, पूर्णिया पूर्व के 14 पंचायतों में 134636, रुपौली के 20 पंचायतों में 116770 व श्रीनगर प्रखण्ड के 09 पंचायतों में 76152 परिवारों का गोल्डेन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था जिसके आलोक में धमदाहा, रुपौली व अमौर प्रखंड में सबसे ज्यादा कार्ड बनाया गया है। आयुष्मान भारत के तहत कार्ड बनाये जाने वाले कर्मियों को उत्कृष्ट कार्य को लेकर सरकारी स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।