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पूर्णिया में कई वर्षो से बंद सिजेरियन ऑपरेशन की शुरुआत सार्थक क़दम:डीएम

डीएम के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग करने लगा बेहतर प्रदर्शन
टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श में राज्य में पूर्णिया को दूसरा स्थान:डीएम

पूर्णिया(बिहार)ज़िले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान शिथिलता बरतने के कारण जिले का ग्राफ गिरने लगा था। जिसके बाद डीएम राहुल कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विगत 01 अप्रैल को समाहरणालय सभागार में समीक्षात्मक बैठक की गई थी। इस दौरान दिए गए टास्क के बाद ई-संजीवनी कंसल्टेंसी, स्वास्थ्य पखवाड़ा अभियान, मिशन इंद्रधनुष,प्रसव पूर्व जांच (एएनसी),कोरोना टीकाकरण, लक्ष्य एवं कायाकल्प कार्यक्रम सहित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में डीएम के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया गया है। जिस कारण राज्य में ज़िलें का सम्मान बढ़ा है ।

कई वर्षो से बंद सिजेरियन ऑपरेशन की शुरुआत सार्थक क़दम:डीएम
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विगत 01 अप्रैल को समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों को सख़्त दिशा-निर्देश दिया गया था। कहा गया था कि ससमय सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करना अनिवार्य है। क्योंकि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में थोड़ी सी शिथिलता बरती जा रही है।

जिसको लेकर सभी को तन्मयता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जिसके फलस्वरूप राज्य में ज़िले का मान व सम्मान बढ़ता है। विगत कई वर्षो से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के धमदाहा एवं बनमनखी अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन बंद था। जिस कारण स्थानीय नागरिकों को बहुत ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब गर्मवती महिलाओं या परिजनों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। सिजेरियन ऑपरेशन की शुरुआत करने को लेकर विगत 2 अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों, यूनिसेफ़ एवं केयर इंडिया के सहयोग से आपसी समन्वयक स्थापित कर सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। एक सप्ताह के अंदर इन दोनों अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की शुरुआत हो गईं हैं। यहां संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव महिला रोग विशेषज्ञ के अलावा प्रशिक्षित स्टफ नर्स के द्वारा कराया जा रहा था।

डीएम के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग करने लगा बेहतर प्रदर्शन:
डीएम ने बताया कि मातृ एवं मृत्यु दर के अनुपात को कम करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 के आंकड़ों की बात की जाए तो 76% संस्थागत प्रसव सरकारी संस्थानों में तथा 20% निजी संस्थानों में होती है। लेकिन वर्ष 2021-22 के नए एचएमआईएस पोर्टल के अनुसार जनवरी-2022 तक पूर्णिया ज़िले में 71% एएनसी के विरुद्ध 70% संस्थागत प्रसव हुई है। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग अपने मिशन के अनुसार कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित स्वास्थ्य पखवाड़ा अभियान के दौरान भी ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कर्मियों द्वारा बढ़-चढ़कर कार्य किया गया। अस्पताल परिसर सहित कई अन्य स्थलों की सफ़ाई पूरी तन्मयता के साथ की गयी है। वहीं कोविड-19 संक्रमण काल से निबटने के लिए सभी वर्गों को टीकाकृत करने में भी जिला अव्वल रहा है। सरकार भी यही चाहती है कि राज्य के निवासियों के लिए जितनी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, वह धरातल पर कितनी उतर पा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग से संबंधित संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं में जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिला बेहतर कार्य रहा है।

टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी से चिकित्सीय परामर्श में राज्य में मिला पूर्णिया को दूसरा स्थान:डीएम
डीएम ने बताया कि विगत 16 अप्रैल को टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी के माध्यम से पूरे बिहार में 5 लाख, 8 हज़ार, 27 मरीज़ों को चिकित्सकों द्वारा चिकित्सीय परामर्श दिया गया था। जिसमें केवल पूर्णिया ज़िले में 3 हज़ार, 3 सौ, 88 जिलेवासियों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उचित चिकित्सीय परामर्श के साथ ही निःशुल्क दवा का वितरण किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टेलीमेडिसिन कंसल्टेंसी में चिकित्सकों द्वारा परामर्श के अनुसार निःशुल्क दवा का वितरण किया गया है।डीएम के दिशा-निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए कार्यो के आधार पर राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं नीति आयोग द्वारा 15 मार्च 2022 तक के रिपोर्ट के आधार पर दिए गए इंडिगेटर के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के साथ 01 अप्रैल को समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग को अलग से टास्क दिया गया था। जिसके बाद विभाग ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इतना ही बल्कि कुछ प्रखंडों में लक्ष्य से भी ज्यादा कार्यो का निष्पादन किया गया है। जो ज़िले के लिए सम्मान की बात है।