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बेहतर पोषण से आसान होती है स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी की राहें

पोषण से जुड़ी तमाम जटिलताओं का आसान समाधान है पोषण वाटिका

आंगनबाड़ी सेविका राधा कर रही क्षेत्र की महिलाओं को बेहतर पोषण के प्रति जागरूक

अररिया(बिहार)किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी के लिये उचित पोषण का विशेष महत्व है। गर्भवती व धात्री महिलाएं व छोटे उम्र के बच्चों के लिये तो यह और भी जरूरी हो जाता है। बच्चों के बेहतर पोषण का भविष्य में उनके विकास व स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. बच्चों के समुचित शारीरिक व मानसिक विकास के साथ आपके सेहतमंद जिंदगी के लिये यह जरूरी है कि नियमित तौर पर ग्रहण किये जा रहे भोजन में सभी जरूरी पोषक तत्वों की समुचित मात्र शामिल हों। सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में पोषण के प्रति लोगों में ऐसी समझ विकसित करने में आज आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कई आंगनबाड़ी सेविका इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। अररिया प्रखंड के मदनपुर पूर्वी पंचायत अंतर्गत गम्हरिया केंद्र संख्या 189 की सेविका राधा देवी भी उन्हीं सेविकाओं में शामिल है, जो निरंतर क्षेत्र की महिलाओं को बेहतर पोषण के महत्व के प्रति जागरूक कर रही हैं।

बेहतर पोषण के महत्व से क्षेत्र के लोगों को कर रही जागरूक:
आंगनबाड़ी सेविका राधा देवी कहती हैं बेहतर पोषण से स्वस्थ व सेहतमंद जीवन की राहें आसान होती है। इसलिये वह अपने पोषक क्षेत्र की गर्भवती व धात्री महिलाओं को इसके प्रति जागरूक कर रही हैं। वह वे क्षेत्र के कुपोषित बच्चे, किशोरी व अन्य महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जरूरी जानकारी साझा करते हुए उनकी समुचित देखभाल भी कर रही है। केंद्र संचालन के साथ वह क्षेत्र में किसी महिला के गर्भ धारण की सूचना पर सीधे तौर पर उनसे संपर्क स्थापित कर उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच की सलाह देती हैं। केंद्र पर स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न गतिविधियों में उन्हें आमंत्रित कर जरूरी जांच, टीका लगवाने के साथ-साथ उन्हें इस दौरान अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने के लिये प्रेरित करती है। इसके लिये उन्हें नियमित तौर पर हरी साग-सब्जी, मांस, मछली, अंडा, दूध सहित प्रोटीनयुक्त भोजन लेने की सलाह देती है। आयरन व फोलिक एसिड की 180-180 गोली खाने की सलाह देती हैं। वह बताती है सरकार द्वारा संचालित सभी पोषण कार्यक्रमों में शत-प्रतिशत लाभुकों के शामिल होने से एनीमिया जैसे खतरों को समाप्त किया जा सकता है। इसलिए वह पोषण सेवाओं को लाभुकों तक पहुँचाने के साथ उन्हें इसके विषय में जागरूक भी करती हैं। केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान छह वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का ऊपरी आहार व आहारा विविधता के महत्व को बताती हैं।

केंद्र पर कर रही हैं पोषण वाटिका का संचालन:
सेविका राधा देवी ने बताया शुरू में उनके क्षेत्र में कई बच्चों का वजन औसत से कम होता था। गर्भवती महिलाओं में खून के कमी की समस्या आम थी। पौष्टिक आहार के बारे में बात करने पर वह अपने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इसमें अपनी असमर्थता जताती थी। इसे देखते हुए उन्होंने विभागीय मदद से अपने छोटे से कृषि योग्य जमीन पर पोषण वाटिका विकसित करने का निर्णय लिया। वाटिका में कटहल, पपीते, सोयाबीन, आम, सहजन, पालक, शलजम, टमाटर, अमरूद, सोयाबीन सहित अनेक हरी सब्जियों की पौधे लगायें। इसका बड़ा फायदा यह हुआ कि पोषण से जुड़ी समस्या झेल रहे क्षेत्र के लोगों को वह जरूरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने लगी। साथ ही केंद्र पर लगे पोषण वाटिका को देख कर अन्य लोग भी इससे प्रेरित हुए। ताकि इसके लिये उन्हें बाजार व किसी अन्य व्यक्ति पर आश्रित नहीं रहना पड़े।राधा बताती है कि पोषण वाटिका के फल व सब्जी काफी स्वादिष्ट व सेहतमंद होते हैं। इसमें किसी तरह का रासायनिक खाद क उपयोग नहीं किया जाता।

पोषण व स्वास्थ्य गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास सराहनीय:
आंगनबाड़ी सेविका राधा देवी के प्रयासों की सराहना करते हुए पिरामल स्वास्थ्य की बीटीएम रेणु ने कहा क्षेत्र की महिलाओं में राधा की व्यापक पकड़ है। स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की शिकायत लेकर क्षेत्र की महिलाएं सबसे पहले उन तक पहुंचती है। उनके सुझाव पर लोग अमल करते हैं। केंद्र पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में स्थानीय महिलाएं बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं। सीडीपीओ तनूजा साह कहती हैं कि पोषण सहित आंगनबाड़ी स्तर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के साथ-साथ कोरोना संकट के दौर में क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करने में राधा का प्रयास सराहनीय रहा है।