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भागलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज का होगा जीर्णोद्धार, बनेंगे नए भवन

भागलपुर(बिहार)जिले में स्थित राजकीय श्री यतींद्र नारायण अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के दिन बदलने वाले हैं। विधान परिषद में इस कॉलेज एवं अस्पताल के बंद रहने का मुद्दा उठा तो सरकार ने अपने जवाब में बताया कि इस आयुर्वेदिक कॉलेज का न केवल जीर्णोद्धार होगा बल्कि यहां पर जल्द से जल्द आयुर्वेदिक की पढ़ाई शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा।

चार विधान पार्षद सदन में उठाया मुद्दा:
मंगलवार को विधान पार्षद राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, संजय कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह व प्रमोद कुमार ने विधान परिषद में कहा कि राजकीय श्री यतींद्र नारायण अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल भागलपुर की शिलान्यास साल 1946 में बाबू राजेंद्र प्रसाद ने किया था। राज्य सरकार ने इस कॉलेज का अधिग्रहण वर्ष 1985 में कर लिया, लेकिन इस कॉलेज के विकास में सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी। इस कारण वर्ष 2004 से यहां पर आयुर्वेद की पढ़ाई बंद है।वर्ष 2007 में इसे वैक़ल्पिक उपयोग अथवा निजी हाथों में सौंपने का निर्णय राज्य सरकार ने किया था, लेकिन दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय पटना ने सरकार को छह माह के अंदर सभी मापदंडों का पालन करते हुए इस आयुर्वेदिक कॉलेज में पढ़ाई शुरू करने का आदेश दिया था। इस कॉलेज के पास चार एकड़ जमीन है, जबकि इसके बगल में सरकार की कई एकड़ जमीन अतिक्रमित है। ऐसे में इस सरकारी जमीनों का इस्तेमाल करके आयुर्वेदिक कॉलेज को शुरू किया जा सकता है।
नए भवन बनाने के लिए डीपीआर तैयार करने का दिया निर्देश:

सरकार ने अपने जबाब में कहा कि भागलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के आधारभूत संरचना विकास एवं मानव बल की कमियों को दूर करने के लिए अगले वर्ष शैक्षणिक कार्य प्रारंभ कराने की योजना है। बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) पटना को कॉलेज के नए भवन के निर्माण को लेकर डीपीआर बनाने का निर्देश दे दिया गया है।