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दसवीं परीक्षा के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने गाइडलाइंस

जारी जूता-मोजा पहन कर सेंटर में नहीं मिलेगी एंट्री:समिति

परीक्षा सेंटर पर मोबाइल, ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर रोक

दिव्यांग परीक्षार्थियों को दिखाना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट

पटना(बिहार)राज्य भर में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा 17 से 24 फरवरी तक मैट्रिक की बोर्ड की परीक्षा आयोजित होने वाली है। तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा की पहली पाली 9:30 बजे सुबह से 12:45/ 12.15 बजे दोपहर तक और दूसरी पाली 1:45 बजे दोपहर से 5:00/4:30 बजे शाम तक होगी. परीक्षा के बाबत पटना में कुल 74 केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें पटना सदर अनुमंडल में 33, पटना सिटी अनुमंडल में 13, दानापुर अनुमंडल में 10, बाढ़ अनुमंडल में 7, मसौढ़ी अनुमंडल में 5 और पालीगंज अनुमंडल में 6 केंद्र हैं।

देर से सेंटर पर पहुचने वालो को नहीं मिलेगी एंट्री
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा मिली सूचना अनुसार परीक्षा सेंटर के मुख्य द्वार पर ही परीक्षार्थियों की कड़ाई से फ्रिस्किंग की जाएगी।छात्राओं की फ्रिस्किंग के लिए एक सुरक्षित पर्दा नुमा कक्ष का निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है। ताकि महिला परीक्षार्थियों का सघन फ्रिस्किंग सुरक्षित रूप से किया जा सके।दोनों पालियों की परीक्षा के शुरू होने के 10 मिनट पहले तक परीक्षार्थियों को ही परीक्षा भवन में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। विलंब से आने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जबकि, परीक्षा केंद्र पर मोबाइल, ब्लूटूथ, व्हाट्सएप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर पूरी तरह पाबन्दी लगाई गई है। परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहन कर परीक्षा केंद्र पर प्रवेश करना वर्जित रहेगा।इसलिए परीक्षार्थी जूता-मोजा की जगह चप्पल पहन कर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करेंगे। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए भी एसओपी का पालन कराने का निर्देश दिया गया है।

दिव्यांग परीक्षार्थियों को दिखाना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट
माध्यमिक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले सभी दिव्यांग परीक्षार्थी को परीक्षा में राइटर के लिए खुद राइटर लाने का विकल्प रहेगा।साथ ही जिला स्तर पर भी दिव्यांगता की अलग-अलग कोटि के अनुरूप राइटर का पैनल बनाया जाएगा और दिव्यांग परीक्षार्थियों द्वारा मांगे जाने पर उन्हें राइटर उपलब्ध कराया जाएगा।दिव्यांग जनों को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सिविल सर्जन ,सरकारी स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा निर्गत इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा कि वह लिखने में शारीरिक रूप से असमर्थ हैं और परीक्षा में लेखन के लिए उसे राइटर की आवश्यकता है।लेखक की सुविधा लेने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा में क्षतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 20 मिनट प्रति घंटा अतिरिक्त समय देय होगा।