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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में बारहवें स्थापना दिवस पर ‘स्पंदन-2021‘ का हुआ रंगारंग आयोजन

कुलपति ने प्रस्तुत किया विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का ब्यौरा
विश्वविद्यालय की प्रगति के ब्यौरे के साथ भविष्य की योजनाओं से भी कराया अवगत
मुख्य अतिथि के रूप में सांसद अरविंद शर्मा व सुनीता दुग्गल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में स्थानीय सांसद धर्मबीर सिंह हुए शामिल
विद्यार्थियों, शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ में विश्वविद्यालय के बारहवें स्थापना दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘स्पंदन-2021‘ का गुरूवार को रंगारंग आयोजन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा का ब्यौरा प्रस्तुत किया और बताया कि किस तरह से विश्वविद्यालय ने बीते वर्षों में उपलब्धियों के नए आयामों को प्राप्त किया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रोहतक से माननीय संसद सदस्य श्री अरंविद कुमार शर्मा, सिरसा से माननीय संसद सदस्य श्रीमती सुनीता दुग्गल आभासी माध्यम से जुड़े तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद श्री धर्मबीर सिंह ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ की जीवनसंगिनी श्रीमती सरोज कुहाड़ की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।

अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने विश्वविद्यालय की प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने किस तरह से शोध, शिक्षण, संसाधनों एवं सामाजिक सरोकारों मोर्चे पर लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शैक्षणिक कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 12 नए शैक्षणिक कार्यक्रम सम्मिलित करते हुए 08 अध्ययन पीठों के तहत 33 शैक्षणिक विभागों में 72 शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रवेश दिया है। प्रो. कुहाड़ ने बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) के माध्यम से हकेवि में बढ़ती अभ्यर्थियों की संख्या ने निःसंदेह शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय के 90 विद्यार्थियों ने यूजीसी-सीएसआईआर (नेट/जेआरएफ) की परीक्षा एक ही अवसर में सफलता प्राप्त की है, वह छात्रों एवं संकायगण की कड़ी मेहनत, समर्पण एवं प्रतिबद्धता का परिचायक है। कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के बी.वॉक. पाठ्यक्रमों में मिल रहे सौ फीसद रोजगार का भी विशेष रूप से उल्लेख किया।

कार्यक्रम में आभासी माध्यम से शामिल हुए संसद सदस्य अरविंद कुमार शर्मा ने कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि उनके कार्यकाल में कौशल विकास, आत्मनिर्भर भारत और विद्यार्थियों के नैतिक विकास के लिए जिस तरह से काम किया गया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक के मार्गदर्शन व निर्देशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में भी विश्वविद्यालय का योगदान उल्लेखनीय है। विश्वविद्यालय का कुशल नेतृत्व एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार कर रहा है और कोरोना काल में जिस तरह से विश्वविद्यालय ने आमजन की मदद के लिए हाथ बढ़ाया वह सराहनीय है। इसी तरह मुख्य अतिथि संसद सदस्य श्रीमती सुनीता दुग्गल ने विश्वविद्यालय परिवार को स्थापना व वार्षिकोत्सव की बधाई दी और कहा कि विद्यार्थियों पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। उन्होंने लघु काल खंड में विश्वविद्यालय द्वारा की गई प्रगति पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ को उनकी नेतृत्व क्षमता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रो. आर.सी. कुहाड व उनकी पत्नी जिस तरह से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रहे हैं और देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार कर रहे है उसके लिए वे बधाई के पात्र है। श्रीमती दुग्गल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतम क्रियान्वयन की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संसद सदस्य श्री धर्मबीर सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ व उनके सहयोगियों के दृढ़ निश्चय का नतीजा है कि विश्वविद्यालय निरन्तर सफलता के नए आयामों को प्राप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय सौ प्रतिशत रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त कर पा रहा है और मुझे भरोसा है कि प्रदेश, देश की प्रगति में विश्वविद्यालय यूं ही सक्रिय योगदान देता रहेगा।
कोरोना महामारी के संबंध में सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में 30 से अधिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से आयोजित हुई, जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता धर्मेश कौशिक, इंद्रजीत, आकाशवाणी हिसार से जुड़े श्री आजाद, रत्नावली पुरस्कार विजेता श्री सन्नी, स्मृति, विकास कुमार और इशिता सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. नितिन, डॉ. सविता बुधवार, डॉ. रविदत्त शर्मा व शिक्षणेतर कर्मचारी शंकर भारद्वाज व पवन कुमार आदि की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत व सरस्वती वंदना के साथ हुई। तत्पश्चात स्वस्तिवाचन वाचन डॉ. कुमुद प्रसाद आचार्य के द्वारा किया गया। इसके पश्चात स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने हिन्दी व प्रो. संजीव कुमार ने अंग्रेजी में विश्वविद्यालय कुलपति व गणमान्य अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय की ओर से उत्कृष्ट योगदान हेतु शिक्षण व शिक्षणेतर कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. रेनु यादव ने किया जबकि इसके आयोजन में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. दिनेश गुप्ता, उप छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मोनिका मलिक व डॉ. आनन्द शर्मा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में डॉ.आनन्द शर्मा ने कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा डॉ. मोनिका ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से भारी संख्या में विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचारी आदि शामिल हुए।