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ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों के साथ कार्य करने में टीबी चैंपियन की महत्वपूर्ण भूमिका: सीडीओ

टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना निहायत जरूरी: रीच इंडिया

पूर्णिया(बिहार)जिले के टीबी संक्रमित मरीज़ों को अब किसी तरह से घबराने की आवश्यकता नहीं है। टीबी बीमारी का इलाज़ एवं दवा सरकार के द्वारा बिल्कुल निःशुल्क दी जाती है। इसके लिए समय पर जांच और इलाज शुरू कराना पड़ेगा। इस तरह के अभियान में मरीजों के साथ कार्य करने में टीबी चैंपियन की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है। साथ ही लक्षण दिखते ही संबंधित मरीजों को जल्द से जल्द नज़दीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए और चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवा खाने की जरूरत होती है।” उक्त बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मिहिरकांत झा ने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर के एएनएम स्कूल के सभागार में रीच इंडिया की ओर से आयोजित टीबी चैंपियन की जिलास्तरीय नेटवर्क बैठक में कही।

इस अवसर पर जिला टीबी एड्स समन्वयक (डीपीएस) राजेश कुमार शर्मा,जिला यक्ष्मा केंद्र के एसटीएस राकेश कुमार सिंह,रीच इंडिया के जिला समन्वयक चंदन कुमार,टीबी मुक्त वाहिनी (टीएमवी) के जिला प्रभारी नसीम अख्तर सहित जिले के सभी टीबी इकाई (टीयू) से आए हुए टीबी चैंपियन उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता: डीपीएस

जिला टीबी एड्स समन्वयक राजेश कुमार शर्मा ने उपस्थित सभी टीबी चैंपियन से कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 2025 तक देश को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। जिसको लेकर हम सभी को इस अभियान में बढ़ चढ़ कर अपनी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निर्वहन करना होगा।जब तक हम लोग एक साथ मिलकर टीबी  संक्रमित रोगियों को जागरूक नहीं करेंगे तब तक प्रधानमंत्री के सपने को साकार नहीं किया जा सकता है। रोगियों को नियमित रूप से दवा खाने के साथ ही पौष्टिक आहार लेने के लिए भी जागरूक करने की आवश्यकता है। अच्छे खान-पान नहीं करने वाले व्यक्तियों को टीबी होने की संभावना अत्यधिक रहती है।

टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना निहायत जरूरी: रीच इंडिया
रीच इंडिया के जिला समन्वयक चंदन कुमार ने उपस्थित सभी टीबी चैंपियंस और नेटवर्क सदस्यों से कहा कि जिला यक्ष्मा पदाधिकारी द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है कि क्षेत्र के टीबी चैंपियन और नेटवर्क सदस्य प्रत्येक महीने अधिक से अधिक लोगों की टीबी जांच करवाना, महीने में सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना, टीबी संक्रमित मरीजों को बीमारी से संबंधित उचित परामर्श देना और मरीजों का उपचार होने तक यथासंभव सहयोग करना होगा। ताकि जल्द से जल्द टीबी रोगी ठीक होकर टीबी मुक्त अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सके। क्योंकि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना बहुत ज्यादा जरूरी है। जिसको लेकर जिले में टीबी मरीज़ों के बीच जागरूकता अभियान चलाना बहुत जरूरी है।