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वैश्विक महामारी कोरोना के मुश्किल दौर में जनसेवा का मिशाल बनकर सामने आयी पार्षद ‘लवली नवाब’

कोरोना महामारी के खतरे खतरे व बचाव संबंधी उपायों के प्रति कर रही लोगों को जागरूक

महामारी से निपटने के लिये खुद को सुरक्षित रखते हुए दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करना जरूरी

अररिया(बिहार)महामारी के इस निराशात्मक दौर में भी अगर आप गौर से देंखे तो प्रेरणा के ऊर्जा कण हमारे चारों तरफ फैले हुए हैं। आज की कहानी ऐसी ही एक प्रेरणा देने वाली एक महिला की है, जो तमाम पूर्व धारणाओं को दरकिनार करते हुए पुरूष प्रधान इस समाज में अपनी अलग पहचान बनाने की मुहिम में जुटी हुई हैं। अररिया नगर परिषद क्षेत्र संख्या 19 की वार्ड पार्षद लवली नवाब का नाम एक ऐसी ही महिला शख्सियतों में शामिल है। जो लगातार दूसरी बार लगभग 3000 आबादी वाले इस वार्ड के प्रतिनिधित्व का जिम्मा संभाल रही हैं। कोरोना संकट के दौर में जब अधिकांश लोग अपने घरों में कैद रहने के लिये मजबूर हैं। तो इस दौर में लवली एक कुशल गृहणी, जुझारू समाजसेवी व कर्मठ जनप्रतिनिधि की भूमिका में नजर आती हैं।

वार्ड में अब तक नहीं मिला संक्रमण का कोई मामला: लवली नबाब
वार्ड पार्षद लवली नवाब कोरोना महामारी के शुरूआती दौर से ही वार्ड सहित तमाम नगर वासियों को संक्रमण के खतरों के प्रति आगाह व सचेत करते आ रहीं हैं। लवली नवाब लोगों को इस महामारी से खुद को सुरक्षित रखने की अपील करती हैं। वह सरकारी गाइड लाइन का पालन, मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी व नियमित अंतराल पर हाथों की सफाई का संदेश आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं। समय-समय पर वार्ड में सफाई व सैनिटाइजिंग अभियान के संचालन में भी वह अगुआ की भूमिका में नजर आती हैं। नतीजतन वार्ड में अब तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आने की बात पार्षद लवली नवाब कहती हैं। उनके मुताबिक अगर हर आदमी खुद को सुरक्षित रखते हुए सुरक्षा संबंधी उपाय व जानकारी आम लोगों तक पहुंचाते हैं तो इस वैश्विक महामारी से आसानी से निपटा जा सकता है। उनके मुताबिक कोरोना को लेकर लोगों में अब भी जानकारियों का अभाव है। लिहाज लोग खुद को इस संक्रमण से बचा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

संयुक्त परिवार होने का मिलता है लाभ: वार्ड पार्षद
महिला जनप्रतिनिधि होने के बावजूद अपने जिम्मेदारियों के सफल निवर्हन के बारे बोलते हुए लवली ने कहा संयुक्त परिवार होने का उन्हें लाभ मिलता है। घरेलू कार्यों में उन्हें परिवार के अन्य लोगों का उचित सहयोग व समर्थन मिलता है। हम अपनी जिम्मेदारियों को आपस में बांटते हुए इसके सफल निवर्हन की कोशिशों में जुटे होते हैं। लिहाजा वार्ड के विकास व जन सेवा से जुड़े कार्य प्रभावित नहीं होते। लवली नवाब के मुताबिक उनका पूरा वार्ड अपने परिवार की तरह है। सुख-दुख की हर घड़ी में हम एक दूसरे के साथ होते हैं। लिहाजा वार्ड वासियों का सहयोग व समर्थन भी उन्हें निरंतर मिलता रहता है। उनके सहयोग व समर्थन से ही हम इस वैश्विक महामारी का सख्ती से मुकाबला करते आ रहे हैं। लवली के मुताबिक चुनौतीपूर्ण इस दौर में हमें अपना महत्व समझना होगा। दुनिया के लिये हम महज एक आंकड़ा हो सकते हैं। लेकिन अपने परिवार का हम एक मजबूत स्तंभ हैं। अगर कोई एक स्तंभ भी बिगड़ा तो परिवार को बिखरते देर नहीं लगती।

महिलाओं को लेकर सामाजिक नजरिया में आया है बदलाव: लवली
लवली के मुताबिक हमारे समाज में आज भी महिलाओं को आगे बढ़ने में कई बाधाओं को पार करना होता है। लेकिन बदलते समय में महिला व पुरूषों के बीच का भेद कम हुआ है। महिलाओं को लेकर समाज के नजरिया बदला है। अगर पुरूषों की तरह हम महिलाएं भी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन करते चले। तो लोगों की इस मानसिकता को बदलते देर नहीं लगेगी। आज बहुत सारी महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखती हैं। इसके लिये जरूरी है कि महिलाएं जहां भी हैं। जिस मुकाम पर हैं। वह अपनी गरिमा को बनाये रखते हुए अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निवर्हन करें। क्षेत्र कोई भी हो लगातार प्रयासों के दम पर अपनी अलग पहचान व निश्चित मुकाम हासिल करें। जो आने वाली पीढ़ी के समाने एक नजीर हो।