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विज्ञान से ही समाज, अर्थव्यवस्था व जनमानस का विकास संभव- प्रो. टंकेश्वर कुमार

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित
विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रो. कृष्णमूर्ति कन्नन व प्रो. नीरज दिलबागी ने किया संबोधित

हरियाणा(महेंद्रगढ़)नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. सी.वी. रमन की याद में सोमवार 28 फरवरी को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय में विज्ञान दिवस पर आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय नागालैंड के पूर्व कुलपति प्रो. कृष्णनमूर्ति कन्नन व गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रो. नीरज दिलबागी उपस्थित रहे जबकि मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कार्यक्रम की शोभा बढाई।

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर डॉ. सी.वी. रमन को याद करते हुए विज्ञान,शिक्षा,तकनीक व प्रौद्योगिकी के विकास और उसके समसामयिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि विज्ञान के बिना समाज, अर्थव्यवस्था व जनमानस का विकास संभव नहीं है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी चिकित्सा व शोध के मोर्चे पर स्कूल, कॉलेज व विभिन्न संस्थानों की महत्ता पर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि विज्ञान के विकास में हम सभी को डॉ. सी.वी. रमन के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास की स्थितियों-परिस्थितियों को जानने-समझने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए परिश्रम व समपर्ण के भाव को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि उन्हें अपने अंदर अवलोकन कौशल का विकास करना चाहिए। कुलपति ने विश्वविद्यालय में 25 फरवरी से शुरु विज्ञान दिवस के अंतर्गत शुरु कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए विभिन्न प्रदर्शनियों व प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। जिसमें स्कूलों व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और विज्ञान के प्रति अपनी समझ को प्रदर्शित किया।कार्यक्रम की शुरुआत में विज्ञान दिवस आयोजन समिति की संयोजिका प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने 25 फरवरी से विज्ञान दिवस आयोजन के अंतर्गत विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि किस तरह से इन आयोजनों के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने अपने प्रस्तुतिकरण दिए तथा स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास किया। 28 फरवरी को इस आयोजन के अंतर्गत दो विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किए गए। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय नागालैंड के पूर्व कुलपति प्रो. कृष्णमूर्ति कन्नन ने अपने व्याख्यान में समाज हित में शोध कार्यों के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस जरूरत है भारत के लिए इस प्रतिभा का प्रयोग करने की। उन्होंने अनुसंधान के नए आयामों के विकास पर भी जोर दिया और इसे देश के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि नवाचार की दिशा में निरंतर काम करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. नीरज दिलबागी ने नैनो तकनीक के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि यह जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि किस तरह से उद्योग जगत नैनो तकनीक का उपयोग कर उल्लेखनीय उपयोगी उत्पादों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने इस तकनीक के विकास और इसमें उपलब्ध भविष्य की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया गया। साथ ही स्वच्छता पखवाड़े के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विज्ञान दिवस आयोजन के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों और विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आयोजन समिति के आयोजन सचिव प्रो. राजेश कुमार गुप्ता ने दिया। इस अवसर पर शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान एवं शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. दिनेश कुमार सहित विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।