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पंचायत राज विभाग में कार्यरत कार्यपालक सहायकों की फीकी पड़ेगी दिवाली, नहीं मिला मानदेय

छपरा(सारण)जिला पंचायत कार्यालय के अंतर्गत सभी प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यपालक सहायकों का मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण इसबार की दीपावली फिकी पड़ेगी। मानदेय भुगतान के लिए कार्यपालक सहायकों ने कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी उन्हें बकाया मानदेय एरियर का भुगतान नहीं किया गया। कार्यालय सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। परंतु अभी तक बकाये मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे कार्यपालक सहायकों में आक्रोश व्याप्त है। एक कार्यपालक सहायक नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि अप्रैल 2020 से अभी तक का मानदेय बकाया है और वर्ष 2019 से अभी तक का एरियर भुगतान नहीं किया गया है। जिससे आर्थिक तंगी से जुझना पर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रखंड कार्यालय जाने-आने के लिए भी पैसे नहीं हैं। घर-परिवार के स्वजनो द्वारा भी रूपये को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा है। बच्चों के ट्यूशन फी, राशन दुकान एवं दवा दुकान पर हजारों रूपये बाकी है। अब दुकानदार भी जरूरत का समान बकाया देने से रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत व प्रखंड कार्यालय के कर्मियों व पदाधिकारियों द्वारा कार्य का निबटारा करने के लिए दबाव बनाते हैं और जब बकाये मानदेय और एरियर भुगतान के लिए कहा जाता है तो चुपी साध लेते हैं। अगर बकाया मानदेय और एरियर की राशि भुगतान नहीं किया गया है तथा कार्यपालक सहायक के साथ कोई अप्रिय घटना होती हैं तो उसका जिम्मेदार पंचायत राज विभाग के पदाधिकारी व कर्मी होंगे। इसको लेकर कार्यपालक सहायक संघ के जिलाध्यक्ष निलेश कुमार ने कहा है कि जिले के कार्यपालक सहायकों को स्थाई कर्मियों द्वारा द्वेषपूर्ण निगाह से देखा जाता है। कार्यालय के स्थाई कर्मी कार्यपालक सहायक का बकाया मानदेय एवं एरियर भुगतान करने में अनावश्यक विलंब करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तरीय कार्यपालक सहायक का मानदेय भुगतान के लिए करीब 2 माह पहले ही आवंटन विभाग ने पंचायत कार्यालय को भेजा है। फिर भी अभी तक कार्यपालक सहायकों का मानदेय भुगतान नहीं किया जाना भेदभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो बाध्य होकर आंदोलनात्मक रूख अख्तियार किया जाएगा। जिसकी पूर्ण जवाबदेही पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों की होगी।