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घर पर पर्व का आयोजन सुरक्षित, छठ घाटों पर भी होंगे सुरक्षा के विशेष इंतजाम

हाई अलर्ट पर होंगे सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी रहेंगे तैनात

कंट्रोल रूम के माध्यम से घाटों की गतिविधियों पर रहेगी नजर, एंबुलेंस के साथ स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे तैनात

अररिया(बिहार)चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी के साथ इसके आयोजन को सफल बनाने में की मुहिम में जुट चुका है. वैश्विक महामारी के दौर में आयोजित हो रहे इस महापर्व को लेकर सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जरूरी गाइड लाइन जारी किेये गये हैं. गाइड लाइन में अधिक से अधिक लोगों को घरों में ही पर्व के आयोजन की अपील की गयी है. दस वर्ष से कम व साठ साल से अधिक उम्र के लोगों को घार पर आने से मना किया गया है. घर पर छठ मनाने के लिये लोगों को प्रेरित करने के लिये भी हर संभव कोशिश की गयी है. घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से दंडाधिकारी व पुलिस बलों की तैनाती की गयी है.
घाटों पर एंबुलेंस के साथ विशेष चिकित्सकीय दल तैनात रहेंगे।

छठ पूजा को लेकर गठित जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में जिलाधिकारी ने छठ घाटों पर सभी जरूरी सुविधाओं की उपलब्ध सुनिश्चित कराने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए सदर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर ने कहा कि घाटों पर कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन को लेकर लोगों को प्रोत्साहित व जागरूक करने का भी इंतजाम किया जायेगा. सभी बड़े घाटों पर गोताखारों के साथ-साथ मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति का आदेश है. इसके अलावा दोनों अनुमंडल मुख्यालय के साथ-साथ जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है. नियंत्रण कक्ष में एंबुलेंस के साथ विशेषज्ञ चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी के दल प्रतिनियुक्त किये गये हैं. ताकि किसी भी आपत स्थिति के दौरान प्रभावित जगहों पर तत्काल सभी जरूरी मदद उपलब्ध करायी जा सके.
आपात स्थितियों से निपटने के लिये सभी अस्पताल रहेंगे अलर्ट:

छठ महापर्व को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों का हवाला देते हुए डीपीएम रेहान असरफ ने कहा कि वैश्विक महामारी के खतरों को देखते हुए इस बार घर पर ही पर्व का आयोजन सुरक्षित है. बावजूद इसके विभिन्न नदी घाटों पर पर्व मनाने के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तैयारियां की गयी है. सभी छठ घाटों पर मेडिकल टीम प्रतिनियुक्त किये गये हैं. घाटों पर कोरोना जांच का भी इंतजाम होगा. बड़े छठ घाटों पर एंबुलेंस के साथ चिकित्सा अधिकारी व कर्मी तैनात रहेंगे. घाटों पर भीड़-भाड़ व आतिशबाजी सहित अन्य वजह से भगदड़ की संभावना की हमेशा बनी रहती है. इसके साथ ही गहरे पानी में डूबने से होने वाली मौत के मामलों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये सदर अस्पताल विशेष तैयारियों के साथ पूरी तरह अलर्ट रहेगा. ताकि किसी भी संभावित परिस्थितियों से तत्काल निपटा जा सके.

सामूहिक भागीदारी से हारेगा कोरोना, लोगों का अपेक्षित सहयोग जरूरी:

सिविल सर्जन रूपनारायण कुमार ने कहा कि अस्थमा, टीबी व सांस रोग से पीड़ित लोगों के लिये घाटों पर जाना असुरक्षित है. नवजात व बीमार बच्चों को भी घाटों पर ले जाने से परहेज करने की जरूरत है. संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए छठ घाटों पर विशेष सतर्कता व सावधानी बरतने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिये जरूरी तैयारियां की गयी है. लेकिन कोरोना महामारी को मात देने में सामूहिक भागीदारी जरूरी है. इसलिए आम लोगों का इसमें अपेक्षित सहयोग जरूरी है.

सरकारी गाइडलाइन में है यह निर्देश:

-घाटों पर जागरूकता फैलाने के लिये प्रचार प्रसार सामग्री का प्रयोग होगा।

-पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा।

  • मेला, सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन पर पाबंदी होगी।

-जहां तहां थूकने पर पाबंदी होगी

-बैरिकेडिंग की मदद से पानी में डूबकी लगाने से रोकने का प्रयास होगा

-बैठने व खड़े रहने के दौरान सोशल डिस्टैसिंग का पालन होगा जरूरी

-घाटों पर खाद्य पदार्थ के स्टॉल लगाने पर होगी रोक

-जारी निर्देश के उल्लघंन पर आपता प्रबंधन अधिनियम के तहत होगी कानूनी कार्रवाई