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पूर्णिया जिले में फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की हुई शुरुआत

  • सिविल सर्जन द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं बच्चे को दवा खिलाकर किया गया उद्घाटन
  • 40.86 लाख से अधिक लोगों को खिलायी जाएगी डी.ई.सी/एल्बेंडाजोल की गोली
  • शत प्रतिशत सफलता का रखा गया है लक्ष्य
  • केअर इंडिया द्वारा किया जा रहा है सहयोग

पूर्णिया(बिहार)जिला में 14 दिवसीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा द्वारा कसबा प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस दौरान सिविल सर्जन ने वहां उपस्थित 10 वर्षीय बच्चे को एल्बेंडाजोल की दवा भी खिलाई. उद्घाटन के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा आज से फाईलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम पूरे जिले में चलाया जाएगा. यह 14 दिवसीय कार्यक्रम है जिसमें आशा, एएनएम द्वारा घर घर जाकर लोगों को डी.ई.सी/एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. दवा लोगों को आशा या एएनएम के सामने ही खिलाया जाना है जिससे कि लोगों को इसका लाभ हो सके. इस दौरान सिविल सर्जन ने उपस्थित आशा, एएनएम को भी कार्य का अच्छी तरह से निष्पादित करने का निर्देश दिया. उद्घाटन कार्यक्रम में सिविल सर्जन के साथ ही जिला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह, डीएमओ डॉ. आर.पी. मंडल, भीडीसीओ रवि रंजन सिंह, एमओआईसी डॉ. ए.के. सिंह, बीएचएम अपराजिता, बीसीएम उमेश पंडित, केअर इंडिया से डीपीओ चंदन कुमार सिंह, बीएम साहिल कुमार, बीसी अमृता राठौड़, डब्लूएचओ से टुनटुन कुमार आदि उपस्थित रहे.

शत प्रतिशत सफलता का है लक्ष्य :
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा जिले के 14 प्रखंडों के 40 लाख 86 हजार 348 लोगों को आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने लोगों को डी.ई.सी व एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. इसके लिए 1950 टीम लगाई गई है जिसमें 3900 स्वास्थ्य कर्मी द्वारा 1249 गांवों के लोगों को गोलियां दी जाएगी. सभी प्रखंडों में डी.ई.सी (100मि.ग्रा.) की कुल 99 लाख 33 हजार एवं एल्बेंडाजोल की 39 लाख 73 हजार 200 गोलियां उपलब्ध कराई गई है. टीम के कार्यों का निरक्षण के लिए 195 सुपरवाइजर को भी नियुक्त किया गया है. हमारे द्वारा इसके शत प्रतिशत सफलता का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें थोड़ी भी कमी होने पर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकता है.

सभी लोग उठाएं कार्यक्रम का लाभ :
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. आर.पी. मंडल ने कहा यह 14 दिवसीय कार्यक्रम लोगों को फाईलेरिया से मुक्त रखने के लिए चलाया जा रहा है. वर्तमान में जिले में फाईलेरिया के 2928 हाथीपांव और 1544 हाइड्रोसील से ग्रसित मरीज हैं. विगत कुछ दिनों में हाइड्रोसील से ग्रसित फाईलेरिया मरीज़ो का ऑपरेशन स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाया गया है. जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित चलाये जा रहे कार्यक्रम से इसकी संख्या को कम करने और लोगों को इस बीमारी के लिए जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. इस 14 दिवसीय अभियान का सभी जिलावासियों को लाभ उठाना चाहिए और फाईलेरिया को जड़ से खत्म करने में सहायक होना चाहिए.

ऐसे करें दवा का सही इस्तेमाल :

फाइलेरिया से बचाव के लिए डी.ई.सी/एल्बेंडाजोल की खुराक 2 वर्ष से ऊपर उम्र के लोगों को लेना है. एल्बेंडाजोल को चबाकर खाना है. 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की एक गोली, 5 से 14 वर्ष को 2 गोली व उससे ऊपर उम्र के लोगों को 3 गोली दिया जाना है. साथ में सभी लक्षित वर्ग को एल्बेंडाजोल की एक दवा चबाकर खानी है. ये खुराक लोगों को टीम के सामने ही खानी है. ये दवा लोगों को खाना खाने के बाद लेना है. 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला व गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है.

सहयोगी संस्थाओं द्वारा भी किया जा रहा सहयोग :
कार्यक्रम को घर-घर तक पहुँचाने के लिए सहयोगी संस्था डब्लूएचओ व केअर इंडिया द्वारा महत्वपूर्ण सहयोग किया जा रहा है. केयर के द्वारा सभी प्रखंडों में फाईलेरिया कार्यक्रम सुपरविजन व मोनिटरिंग के लिए दो सदस्यों की नियुक्ति की गई है. कोरोना के बचाव का ध्यान रखते हुए लोगों के नाखून में निशान नहीं लगाएंगी. दीवार पर मार्किंग की जाएगी जिसमें टीम नम्बर, परिवार संख्या व दिनांक लिखा जाएगा. कार्यक्रम के बाद फाइलेरिया के मरीजों की लिस्ट बनाकर फाइलेरिया, हाइड्रोसिल आदि के मरीजों की ऑपरेशन की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाई जाएगी.