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दो सप्ताह से अधिक खांसी और बुखार होने पर टीबी की जाँच जरूरी कराए

जिला यक्ष्मा केंद्र में हो रहा है टीबी रोगियों का इलाज
 
• प्रखंड स्तर पर टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध

छपरा(बिहार)टीबी को क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रामक रोग है,जो जीवाणुओं के कारण होता है। इसमे मरीज को तीन सप्‍ताह से ज्‍यादा खांसी,बुखार विशेष तौर से शाम को बढने वाला बुखार,छाती में दर्द,वजन का घटना,भूख में कमी व बलगम के साथ खून आना लक्षण पाए जाते हैं ऐसे लक्षणों के होने पर मरीज को तत्काल सरकारी अस्पतालों में जाकर टीबी की निःशुल्क जॉंच करानी चाहिए। सीडीओ डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि टीबी की जॉंच और इलाज सभी सरकारी अस्‍पतालों में निःशुल्क की जाती है।

प्रखंडों में हो रहा है टीबी मरीजों का इलाज:
डीपीसी-टीबी हिमांशु शेखर ने बताया कि जिले में प्रखंड स्तर पर सभी पीएचसी में टीबी की जाँच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं।पहले से जिले में टीबी के मरीजों में कमी आई है।जिले में टीबी मरीजों का अच्छे ढंग से इलाज किया जाता है। जब प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया जाता है।टीबी के 4 लक्षण प्राप्त होते हैं।जैसे कफ,फीवर,वजन घटना,रात में पसीने होना।इन सभी लक्षणों के होने पर मरीजों की टीबी की  जाँच की जाती है।

बलगम की सीबीनॉट से जांच की जाती है:
जो मरीज पहले से दवा खाये रहते हैं उनकी बलगम की सीबीनॉट से जांच की जाती है । इस जांच से एमडीआर-टीबी यानी मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी  का पता चलता है जिससे मरीजों के इलाज में सहूलियत होती है।टीबी शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है जैसे छाती,फेफड़ों,गर्दन,पेट,आदि।टीबी का सही समय पर जाँच होना बहुत ही आवश्यक होता है।तभी हम इस घातक बीमारी से बच सकते हैं।टीबी उन्मूलन में प्राइवेट डॉक्टर भी सहयोग कर रहे हैं।टीबी उन्मूलन में प्राइवेट डॉक्टर मरीजों को इलाज के साथ उनके कोर्स को पूर्ण करने के लिए भी मरीज को प्रेरित करें।

लक्षण आने पर टीबी जांच जरूर कराएं:
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसी में खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल बलगम की जांच कराए। जांच व उपचार बिल्कुल मुफ्त है। समय समय पर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चला कर लोगों में जागरूकता फैलायी जाती है ।

पोषण योजना बन रही मददगार :
टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने वाली निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उन्हें 500 रुपये प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह 500 रुपये पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जा रहा है। टीबी मरीज को 6 महीने तक दवा चलती है। इस अवधि तक प्रतिमाह पांच 500-500 रुपये दिए जाते हैं ।

ये हैं टीबी बीमारी का प्रारंभिक लक्षण :

  • एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना
  • लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना
  • 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना
  • बलगम में खून आना